पटना हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी: महज सर्टिफिकेट बांटने का संस्थान बनकर रह गया बिहार बोर्ड
पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार काे तल्ख टिप्पणी की है। कहा है- बिहार बोर्ड केवल सर्टिफिकेट बांटने का संस्थान बनकर रह गया है। हाईकोर्ट ने यह तल्ख टिप्पणी गोपालगंज के एक मामले में कही
पटना, राज्य ब्यूरो। पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार काे बिहार बोर्ड के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की है। उसने यह तल्ख टिप्पणी गोपालगंज के एक मामले में कही। हाईकोर्ट ने कहा कि बिहार बोर्ड केवल सर्टिफिकेट बांटने का संस्थान बनकर रह गया है। इतना ही नहीं, पटना हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से जवाब भी मांगा है। पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से एक सप्ताह के अंदर बताने को कहा कि आखिर राज्य सरकार की शिक्षा नीति क्या है?
दरअसल पटना हाईकोर्ट मंगलवार को गोपालगंज के एक इंटर स्कूल के लड़कों का कोटा बढ़ाने के लिए दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसी मामले में न्यायाधीश डाॅ. अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने परीक्षा समिति की कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बिना किसी आधारभूत संरचना के छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ जाती है और पैसे लेकर परीक्षा समिति पंजीयन की अनुमति दे देती है। क्या संबंधित पदाधिकारी यह देखते हैं कि छात्रों की संख्या बढ़ जाने के बाद स्कूल की आधारभूत संरचना में कुछ परिवर्तन आया है या नहीं ?
न्यायाधीश ने अपनी तल्ख टिप्पणी में कहा कि बिहार बोर्ड केवल छात्रों को सर्टिफिकेट देने का संस्थान मात्र रह गया है। उक्त स्कूल में कला एवं विज्ञान के छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ जाने पर बहुत पहले परीक्षा समिति को डेढ़ लाख रूपये फीस सहित सारी औपचारिकताएं पूरी कर दी थीं।
याचिकाकर्ता के वकील अभिनव श्रीवास्तव का कहना था कि बोर्ड के निर्देशानुसार ही फॉर्म एवं फीस जमा की गई, लेकिन इन छात्रों का रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया। इससे छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। स्कूल की प्राचार्य निभा कुमारी ने याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि इंटर के सत्र 2018 - 20 हेतु पंजीयन कराने की छूट 28 मई 2018 तक मिली हुई थी। अंतिम तिथि को राशि जमा कर दी गई, लेकिन छात्रों का पंजीकरण करने में बोर्ड आनाकानी कर रहा है। परीक्षा समिति की वकील नम्रता मिश्रा ने कहा कि गतिरोध को दूर कर निर्धारित समय में हलफनामा दायर कर दिया जाएगा।