सफेद दाग छुआछूत की बीमारी नहीं, इसके मरीजों का भी सुखद वैवाहिक जीवन संभव
सफेद दाग छुआछूत की बीमारी नहीं है। इसके मरीज भी सुखद वैवाहिक जीवन जी सकते हैं। बीमारी का इलाज शुरू कर देने से यह पूरी तरह ठीक हो जाता है।
पटना [जेएनएन]। राजधानी पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चर्म रोग विभाग में सोमवार को विश्व सफेद दाग दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ। भारतीय चर्म रोग संघ की बिहार इकाई के अध्यक्ष डॉ. मधुरेन्द्र सिन्हा ने कहा कि सफेद दाग यानी विटिलिगो छुआछूत की बीमारी नहीं है। न ही यह कुष्ठ रोग है। केवल 20 प्रतिशत लोगों में यह अनुवांशिक होता है।
सफेद दाग वाले मरीजों का जीवन सामान्य और वैवाहिक जीवन सुखद होने में कोई शंका नहीं है। आरंभ में ही इस बीमारी का इलाज शुरू कर देने से यह पूरी तरह ठीक हो जाता है। उन्होंने मरीजों और परिजनों द्वारा सफेद दाग से जुड़े पूछे गए सवालों के जवाब दिये।
संघ के सचिव डॉ. विकास शंकर ने कहा कि विश्व के केवल 1 से दो प्रतिशत लोगों में यह बीमारी पाई जाती है। उन्होंने बताया कि त्वचा का रंग मेलानिन द्वारा निर्धारित होता है। सफेद दाग वाले मरीजों में ऐसे एंटीबॉडी का निर्माण होता है जिसके कारण मेलानोसाइट्स नष्ट हो जाते है और त्वचा पर सफेद दाग उत्पन्न होने लगता है।
80 फीसद मरीजों का सफेद दाग इलाज से ठीक हो जाता है। 20 फीसद मरीज के लिए सर्जरी व लेजर पद्धति के इस्तेमाल की जरूरत होती है। जागरूकता गोष्ठी में डॉ. राम अवतार सिंह, डॉ. आर के सिन्हा, डॉ. पूजा कपूर व अन्य ने अपने विचार रखे।