MLA अनंत सिंह का मामला: हैंड ग्रेनेड भेजा गया FSL, पुलिस रिमांड पर फैसला गुरुवार को
पुलिस मुख्यालय स्थित फोरेंसिक लैब में बाढ़ पुलिस ने सौंपा विधायक अनंत सिंह के घर से बरामद हैंड ग्रेनेड। उधर पुलिस रिमांड को लेकर सुनवाई हुई। गुरुवार को आ सकता है फैसला।
पटना, जेएनएन। मोकामा विधायक अनंत सिंह के बाढ़ अनुमंडल के नदवा गांव स्थित पैतृक घर से बरामद ग्रेनेड की जांच एफएसएल से कराई जाएगी। इस संबंध में बुधवार को बाढ़ पुलिस की एक टीम ने बेली रोड स्थित पटेल भवन, पुलिस मुख्यालय की फोरेंसिक लैब (FSL) को जांच के लिए ग्रेनेड सौंप दिया। उधर, आज भी विधायक को पुलिस रिमांड पर लिये जाने की याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी। अब इस पर गुरुवार को फैसला आ सकता है। बुधवार को दो पालियों में इस पर बाढ़ कोर्ट ने सुनवाई की।
मोकामा विधायक अनंत सिंह के घर से पुलिस ने 16 अगस्त को एक एके 47 के साथ दो हैंड ग्रेनेड भी बरामद किया था। जिसे कोर्ट के आदेश के बाद एटीएस ने डिफ्यूज कर दिया था। पटना पुलिस के सूचना दिए जाने के बाद आर्मी इंटेलिजेंस की टीम एके 47 और ग्रेनेड की जांच करने पहुंची थी। इसकी रिपोर्ट अभी पुलिस को नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि बरामद हथियार के तार जबलपुर आर्डनेंस फैक्ट्री से जुड़े हैं या फिर पुरुलिया में गिराए गए हथियारों से या कहीं अन्यत्र से संबंधित है।
पुलिस ने अनंत सिंह के घर से बरामद हैंड ग्रेनेड को जांच के लिए फोरेंसिक लैब को सौंप दिया है। फोरेंसिक लैब की टीम इसकी जांच करेगी कि ग्रेनेड में कौन-सा विस्फोटक भरा है? इसका इस्तेमाल कौन करता है? ग्रेनेड कहां का बना है? रिपोर्ट मिलने के बाद इस संबंध में पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।
दूसरी ओर, बाढ़ के नदवा स्थित पुश्तैनी घर से एके-47 और हैंड ग्रेनेड की बरामदगी के मामले में जांचकर्ता सह बाढ़ एएसपी लिपि सिंह ने बुधवार को अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (एसीजेएम) कुमार माधवेंद्र की अदालत में मोकामा विधायक अनंत सिंह को पुलिस रिमांड पर लेने की अर्जी दायर की। विधायक के अधिवक्ता ने पुरजोर विरोध किया। दो पालियों में हुई सुनवाई के बाद अदालत ने पुलिस रिमांड पर फैसला सुरक्षित रख लिया। उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार को इस पर फैसला आ सकता है।
दोपहर 12 बजे से पहली सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान विधायक के अधिवक्ता ने पुलिस रिमांड का विरोध करते हुए कहा कि मेरे मुवक्किल को पुलिस हिरासत में जान का खतरा है। उन्हें पटना पुलिस के हवाले नहीं किया जाए। दिल्ली से पटना लाने से पहले पुलिस ने उनसे घंटों पूछताछ की थी। अब दोबारा पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ करने का कोई औचित्य नहीं है। वैसे भी विधायक की तबीयत खराब है। अगर उनसे किसी तरह का भी सवाल-जवाब किया जाता है तो अधिवक्ता को साथ रहने की अनुमति दी जाए। पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराई जाए। अनंत सिंह से मजिस्ट्रेट की उपस्थिति पूछताछ हो, ताकि पूरी पारदर्शिता बनी रहे।
वहीं, पुलिस की ओर से अभियोजन पदाधिकारी सुनील कुमार कंधवे ने कहा कि पुलिस रिमांड में कानून का पालन होना चाहिए। पुलिस हर पहलू पर जांच करने के लिए स्वतंत्र है। इससे उसे वंचित नहीं रखा जा सकता है। कानून सबके लिए समान है, चाहे वो सामान्य व्यक्ति हो या वीआइपी। दोनों में कोई अंतर नहीं है। दूसरी पाली में कोर्ट की कार्यवाही एक घंटे तक चली। बहस के बाद अदालत ने अनंत सिंह की ओर से पूछताछ के दौरान साथ रहने वाले अधिवक्ता का नाम मांगा। लिखित में रजनीश कुमार का नाम दिया गया।