21 वर्ष पुराने मामले में हाजीपुर कोर्ट ने सुनाया फैसला, दोषियों को 10-10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा
वैशाली की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश 13 रंजुला भरती ने 21 वर्ष पुराने मामले में सुनाया फैसला। पंचायत की रंजिश में हाजीपुर सदर के दौलतपुर गांव में हुई थी घटना। युवक को गोली मारकर किया था घायल।
हाजीपुर, जागरण संवाददाता। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (13) रंजुला भारती ने करीब 21 वर्ष पूर्व पंचायत की रंजिश में एक युवक को गोली मारकर जख्मी कर दिए जाने के मामले में दो लोगों को 10-10 वर्ष सश्रम कारावास तथा 30-30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। घटना 2001 की है। इस मामले में सात पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। अपर लोक अभियोजक रामनाथ महतो ने घटना की पूरी जानकारी दी है।
पक्षपातपूर्ण फैसले के विरोध में किया हमला
अपर लोक अभियोजक ने बताया की सदर थाना क्षेत्र के दौलतपुर गांव के लगनदेव राय एवं मोहन यादव के बीच बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा था। इसी को लेकर पंचायत बुलाई गई थी। चंदेश्वर राय ने पंचायत में फैसला दिया था। आरोप लगाया गया कि पक्षपात कर मोहन राय के पक्ष में फैसला दिया गया है। इसके बाद 29 सितंबर 2001 को लगनदेव राय और परिवार के लोग अस्त्र-शस्त्र के साथ चंदेश्वर राय घर पहुंच गया। वहां पहुंचकर गाली-गलौज शुरू कर दी। इसका विरोध किए जाने पर लगनदेव राय के साथ आए लोगों ने चंदेश्वर प्रसाद राय के भतीजा अनुज कुमार को गोली मारकर दी। जख्मी हालत में अनुज को सदर अस्पताल लाया गया। वहां से पीएमसीएच रेफर कर दिया गया। इस घटना को लेकर चंदेश्वर प्रसाद राय ने सदर थाना में लगनदेव राय, सोहन यादव, विनोद यादव, संजय राय, विमल राय, कमलदेव राय, आमोद राय के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई।
अलग-अलग धाराओं में कोर्ट ने सुनाई सजा
इस मामले में पुलिस ने न्यायालय में सोहन यादव तथा आमोद राय के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित किया। न्यायालय ने इन दोनों के विरुद्ध 10 सितंबर 2002 को संज्ञान लिया तथा 20 सितंबर 2003 को आरोप गठन किया गया। सोहन यादव तथा आमोद राय को 10 मई को दोषी करार किया गया था। इसी मामले में बुधवार को सजा के बिंदुओं पर सुनवाई के बाद दोनों को भादवि की धारा 307 में 10-10 वर्ष सश्रम कारावास तथा 20-20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। वही भादवि की धारा 448 एवं 504 में छह-छह माह का तथा शस्त्र अधिनियम की धारा 27 में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। सभी सजा साथ-साथ चलेगी।