काठमांडू लाइव- संभलते-संभलते फिर आ गई आफत
बीते महीने के जलजले से लोग अभी उबर भी नहीं पाए थे कि नेपाल की धरती एक बार फिर डोल गई। विनाशकारी जलजले के 18वें दिन मंगलवार को राजधानी काठमांडू समेत पूरे नेपाल में लगातार छोटे-बड़े आधा दर्जन झटके महसूस किए गए।
काठमांडू [संजय कुमार उपाध्याय]। बीते महीने के जलजले से लोग अभी उबर भी नहीं पाए थे कि नेपाल की धरती एक बार फिर डोल गई। विनाशकारी जलजले के 18वें दिन मंगलवार को राजधानी काठमांडू समेत पूरे नेपाल में लगातार छोटे-बड़े आधा दर्जन झटके महसूस किए गए। झटका इतना तीव्र था कि बड़ी इमारतें तेजी से हिलने लगीं। डरते-डरते लोग घरों से बाहर हुए। इस क्रम में कई की जान गई तो दर्जनों जख्मी भी हो गए।
करीब दो सप्ताह बाद पटरी पर लौट रहे यहां के कारोबार को भी गहरा झटका लगा। राजधानी की बलखू फल मंडी और कुलेश्वर किराना मंडी के अलावा मुख्य सड़कों के किनारे के व्यावसायिक प्रतिष्ठान झटका आने के साथ ताबड़तोड़ बंद होने लगे। देखते-देखते ताले लटक गए और लोग सड़क किनारे व खुले मैदान में शरणागत हो गए। बलखू फल मंडी में रह रहे पश्चिम चंपारण जिले के संजय मिश्रा बताते हैं कि जब पहला झटका आया तो वे एक इमारत की पांचवीं मंजिल पर कपड़ा डाल रहे थे। इस बीच लगा कि मकान को जेसीबी मशीन लगाकर हिलाया जा रहा है। कुलेश्वर के राजेंद्र थाना ने कहा कि वे तो भगवान के आशीष से बच गए, वरना मौत सामने खड़ी थी। जब -जब भूकंप आता है, पूरे नेपाल को हिला देता है। पिछली त्रासदी से अभी लोग उबरे नहीं कि मंगलवार को एक बार फिर ईश्वर ने झटका दिया। व्यवसाय तो पूरी तरह चौपट हो गया है। कुलेश्वर इलाके में रह रहे हाजीपुर के राहुल कुमार, चंद्रीनिगाहपुर निवासी हरिशंकर प्रसाद आदि भी बताते हैं कि भूकंप के झटकों ने उनका व्यवसाय चौपट कर दिया। काठमांडू वैली के काठमांडू, भक्तपुर और ललितपुर इलाकों में लोग भगवान की पूजा-अर्चना कर रक्षा करने की गुहार लगा रहे हैं।
मंगलवार को आए भूकंप में सबसे ज्यादा बच्चे व बूढ़े प्रभावित हुए हैं। भूकंप की तीव्रता के कारण कई लोगों को हार्ट अटैक भी हुआ। बलखू फल मंडी के व्यवसायी विराटनगर निवासी शंभू प्रसाद की मां भूकंप के वक्त अपने घर की चौथी मंजिल पर थीं। जैसे ही धरती डोली वह बेहोश हो गईं। चिकित्सकों ने बताया कि उन्हें हार्ट अटैक आया है। इनके अलावा कई और बुजुर्ग बाल-बाल बच गए। कई की तो मौत भी हो गई।