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पटना में बोले गोविंदाचार्य- चुनाव चिह्न की जगह लगे प्रत्याशियों की फोटो

गोविंदाचार्य ने कहा कि राजनीतिक दलों को आरटीआई के दायरे में लाया जाए, लोकपाल को सक्रिय किया जाए और सांसद एवं विधायक विकास निधि को बंद कर देना चाहिए।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Fri, 19 May 2017 09:34 PM (IST)Updated: Sat, 20 May 2017 09:41 PM (IST)
पटना में बोले गोविंदाचार्य- चुनाव चिह्न की जगह लगे प्रत्याशियों की फोटो
पटना में बोले गोविंदाचार्य- चुनाव चिह्न की जगह लगे प्रत्याशियों की फोटो

पटना [राज्य ब्यूरो]। वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के अगुआ गोविंदाचार्य ने कहा है कि राजनीतिक सुधार के लिए चुनाव चिह्न की जगह ईवीएम में प्रत्याशियों की फोटो लगनी चाहिए। साथ ही राजनीतिक दलों को आरटीआइ के दायरे में लाया जाना चाहिए। सरकारें लोकपाल को पूर्णत: सक्रिय बनाएं। उन्होंने कहा कि सांसद एवं विधायक निधि बंद होनी चाहिए।

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गोविंदाचार्य शुक्रवार को पाटलीपुत्रा स्थित राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा के आवास पर पत्रकारों से रूबरू थे। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा चंपारण सत्याग्रह के सौ वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम पर निशाना साधते हुए कहा कि आज भी चंपारण में निलहे, गन्ना किसान और चीनी मिल मजदूर आत्महत्या कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

इससे पूर्व सांसद आरके सिन्हा ने गोविंदाचार्य द्वारा 20 मई से दस दिवसीय चंपारण यात्रा शुरू किए जाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया चंपारण सत्याग्रह के समय जहां-जहां महात्मा गांधी गए थे वहां-वहां गोविंदाचार्य जी जाएंगे। यात्रा के दौरान गोविंदाचार्य चंपारण के गन्ना किसानों से मिलेंगे, निलहों की दुश्वारियों को समझेंगे और चीनी मिल मजदूरों से मिलकर रिपोर्ट तैयार करेंगे।

बकौल आरके सिन्हा, देश आज जिन सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है उससे उबारने के लिए गोविंदाचार्य सक्रिय राजनीति को छोड़कर देश के गांव-गांव का दौरा कर रहे हैं। जमीनी सचाइयों पर आधारित विकल्प तलाश रहे हैं। 

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इस दौरान गंगा की अविरलता पर एक सवाल के जवाब में गोविंदाचार्य ने कहा कि गंगा नदी के अलावा सोन, गंडक, सरयू, पुनपुन और छोटे-छोटे नहर और नालों का प्रबंधन करना जरूरी है। बिहार को तभी बाढ़ से मुक्ति मिलेगी और गंगा की अविरलता बनी रहेगी। गोविंदाचार्य ने एक अन्य सवाल के जवाब में अपनी यात्रा को पूर्णतया गैर राजनीतिक बताया। कहा कि प्रकृति के साथ बेहतर सहजीवन से ही मनुष्य की समस्याएं दूर होगी। 

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