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बिहार के राज्‍यपाल को कुछ महीनों के लिए खाली करना होगा राजभवन, जानिए कहां रहेंगे

बिहार के राज्‍यपाल को कुछ महीनों के लिए राजभवन खाली करना होगा। इस दौरान वे राजकीय अतिथिशाला में रहेंगे। यह निर्णय राजभवन को भूकंपरोधी बनाने के लिए लिया गया है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Thu, 07 Jun 2018 04:44 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jun 2018 11:36 PM (IST)
बिहार के राज्‍यपाल को कुछ महीनों के लिए खाली करना होगा राजभवन, जानिए कहां रहेंगे
बिहार के राज्‍यपाल को कुछ महीनों के लिए खाली करना होगा राजभवन, जानिए कहां रहेंगे

पटना [राज्य ब्यूरो]। करीब छह माह के लिए राज्यपाल का आवास तथा उनका संपूर्ण सचिवालय राजकीय अतिथिशाला में स्थानांतरित हो जाएगा। भवन निर्माण विभाग अपनी तय योजना के तहत दो-तीन महीने के अंदर राजभवन को भूकंपरोधी बनाए जाने की योजना पर काम आरंभ करेगा। फिलहाल मुख्यमंत्री आवास, मुख्य सचिवालय और राजकीय अतिथिशाला को भूकंपरोधी बनाए जाने का काम चल रहा है।

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दो-तीन महीने में राजकीय अतिथिशाला भूकंपरोधी बन जाएगा

भवन निर्माण विभाग के संबंधित अभियंता के अनुसार दो से तीन महीने के अंदर राजकीय अतिथिशाला को पूर्णरूप से भूकंपरोधी बना दिया जाएगा। बिहार में यह पहला भवन होगा जिसमें नए तरीके से भूकंपरोधी तकनीक का इस्तेमाल कर सभी तरह की व्यवस्थाएं की जाएंगी। राजकीय अतिथिशाला का काम पूरा होने के बाद राज्यपाल यहां शिफ्ट होंगे।

राज्यपाल के आवास के अतिरिक्त राजभवन सचिवालय भी यहां स्थानांतरित हो जाएगा। राज्यपाल की सुरक्षा को ध्यान में रख यहां कुछ और संरचनात्मक व्यवस्थाएं की जाएंगी। दोनों काम को तीन महीने के अंदर पूरा किए जाने का लक्ष्य है। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि राजभवन को पूरी तरह से भूकंपरोधी बनाए जाने में छह माह से अधिक का समय लगेगा।

मुख्यमंत्री आवास की रेट्रोफिटिंग में अभी छह माह और लगेंगे

मुख्यमंत्री आवास की रेट्रोफिटिंग यानी उसे भूकंपरोधी बनाए जाने में अभी छह माह और लगेंगे। इस प्रोजेक्ट से जुड़े इंजीनियरों के अनुसार काम में तेजी है पर अभी जांच की प्रक्रिया आरंभ नहीं हुई। रेट्रोफिटिंग के बाद लोड जांच की जाती है। लोड जांच की रिपोर्ट मिलने के बाद ही यह काम पूरा होता है।

आइआइटी पटना की टीम के पास है लोड जांच का जिम्मा

आइआइटी, पटना के पास है रेट्रोफिटिंग के बाद उसकी लोड जांच का जिम्मा। इस तकनीक के तहत उस भवन की मापी की जाती है जिसे भूकंपरोधी बनाया गया। मापी के बाद उसकी निर्माण तकनीक का अध्ययन कर उसका मॉडल तैयार किया जाता है। विशेषज्ञों की टीम अपने लैब में कृत्रिम तरीके से भूकंप की स्थिति पैदा कर उस भवन की जांच करते हैैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर यह तय होता है कि भवन भूकंपरोधी हो गया या नहीं।

सचिवालय को भूकंपरोधी बनाए जाने में आ रही परेशानी

वर्तमान में मुख्य सचिवालय के भवन को भी भूकंपरोधी बनाए जाने पर काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट से जुड़े इंजीनियरों का कहना है कि सचिवालय को बगैर खाली किए भूकंपरोधी बनाए जाने का काम चलाने में परेशानी है। इस वजह से शनिवार और रविवार को काम हो रहा है।


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