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दिल्‍ली से पटना लौटे राज्‍यपाल फागु चौहान, अब बिहार के विश्‍वविद्यालयों में होगा कुछ बड़ा

Bihar Universities News बिहार के चार विश्‍वविद्यालयों से जुड़ा बड़ा होने की उम्‍मीद दिल्‍ली से पटना लौटे राज्यपाल एलएनएमयू और मगध विश्वविद्यालय के कुलपति पर भ्रष्टाचार का आरोप छापेमारी कर चुकी है निगरानी राज्‍यपाल को आया था दिल्‍ली से बुलावा

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 08:50 AM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 08:50 AM (IST)
दिल्‍ली से पटना लौटे राज्‍यपाल फागु चौहान, अब बिहार के विश्‍वविद्यालयों में होगा कुछ बड़ा
बिहार के राज्‍यपाल फागु चौहान। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान दिल्ली प्रवास से शुक्रवार को देर शाम पटना लौट आए। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के बुलावे पर राज्यपाल बुधवार को दिल्ली गए थे। उन्होंने गुरुवार को दिल्ली में शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से मुलाकात की थी और प्रदेश के विश्वविद्यालयों से जुड़े विषयों पर विचार-विमर्श किया था। माना जा रहा है कि राज्यपाल अब राज्य के विश्वविद्यालयों में उठे विवाद को दूर करने के लिए सख्त फैसला ले सकते हैं। खासकर मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद को हटाने की कार्रवाई हो सकती है। राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे प्रो. राजेंद्र प्रसाद पर सख्त कार्रवाई का आग्रह राज्यपाल एवं कुलाधिपति से किया है। वहीं मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय में कापियों की खरीद में हुई गड़बड़ी की जांच भी कराई जा सकती है।

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जेपी विश्वविद्यालय के कुलसचिव से स्पष्टीकरण

शिक्षा विभाग ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शुक्रवार को आयोजित बैठक में शामिल नहीं होने पर जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के कुलसचिव डा. रवि प्रकाश बबलू से स्पष्टीकरण मांगा है। उन्हें सोमवार तक स्पष्टीकरण शिक्षा सचिव को देना है। शिक्षा सचिव असंगबा चुबा आओ ने बताया कि पहले भी विभागीय बैठक में बिना सूचना दिये डा. बबलू शामिल होने से परहेज करते रहे हैं, इसीलिए उनसे स्पष्टीकरण पूछा गया है।

लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र को मुहैया कराने का आदेश

शिक्षा सचिव असंगबा चुबा आओ की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जय प्रकाश विश्वविद्यालय के कुलसचिव को छोड़ कर अन्य सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से हिस्सा लिया। यह बैठक सरकार द्वारा विभिन्न मद में विश्वविद्यालयों को उपलब्ध करायी गयी राशि से संबंधित लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र के निष्पादन को लेकर बुलायी गयी थी। शिक्षा सचिव ने अगले सप्ताह तक लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्रों को मुख्यालय को मुहैया कराने का आदेश कुलसचिवों को दिया है।

कुलपति को सर्च कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने पर उठाए सवाल

बिहार लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य प्रो. शिव जतन ठाकुर ने ललित नारायण मिथिला विवि के कुलपति प्रो. एसपी सिंह को बेस्ट कुलपति आवार्ड देने व कुलपति सर्च कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने पर सवाल खड़ा किया है। कहा कि इनका अवार्ड कार्य दक्षता पर नहीं, बल्कि यह राजभवन की अधिक निकटता पर आधारित है। कहा कि प्रो. सिंह को कुलपति-प्रति कुलपति चयन कमेटी के लिए गठित सर्च कमेटी का अध्यक्ष बनाया जाना बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 की धारा-10 का उल्लंघन था। इस धारा में स्पष्ट प्रावधान है कि सर्च कमेटी के अध्यक्ष और सदस्य उस विश्वविद्यालय से संबंधित नहीं होगे जिसके लिए कुलपति और प्रति-कुलपति के उम्मीदवारों को चयनित किया जाएगा।

प्रो. आरके सिंह अगले सप्ताह देंगे पाटलिपुत्र विवि में देंगे योगदान

पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पटना (पीपीयू) के कुलपति बनाए जाने के ठीक दो दिन बाद प्रो. आरके सिंह को उत्तराखंड सरकार ने कुमाऊं प्रौद्योगिकी संस्थान का निदेशक नियुक्त कर दिया है। वे बिपिन त्रिपाठी कुमाऊं प्रौद्योगिकी संस्थान (बीटीकेआइटी) के इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग के अध्यक्ष हैं। उन्हें तीन वर्षों के लिए पाटलिपुत्र विवि का कुलपति बना गया है। अब उत्तराखंड सरकार ने भी प्रो सिंह को एक वर्ष के लिए कुमाऊं प्रौद्योगिकी संस्थान का निदेशक नियुक्त कर दिया है। इससे पहले भी प्रो. सिंह तीन वर्ष तक संस्थान के निदेशक (2015-18) का दायित्व निभा चुके हैं। कुलपति प्रो. सिंह ने बताया कि उन्होंने कुलपति पद पर योगदान देने के लिए विरमित किए जाने के संबंध में संस्थान को पत्र दे दिया है। अगले सप्ताह तक विवि में योगदान देंगे।

सकारात्मक सोच के साथ चलाएंगे विवि

प्रो. आरके सिंह ने बताया कि साकारात्मक सोंच के साथ विवि को चलाएंगे। अब वह विवि के विकास के लिए छात्र, शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों को साथ लेकर चलेंगे। शोध को लेकर शिक्षकों व छात्रों से प्रोजेक्ट आमंत्रित किए जाएंगे। जरूरत के अनुसार देश के नामचीन विवि व तकनीकी संस्थान के साथ एमओयू किए जाएंगे। विवि का शैक्षणिक सत्र नियमित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं जाएंगे। आप्टिकल कम्युनिकेशन पर कई प्रोजेक्ट सफलतापूर्ण करने पर उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पांच पुरस्कार भी मिल चुके है।


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