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सीएम नीतीश बोले- गांधी जी जिस घर में ठहरे थे उसकी तलाश करेगी सरकार

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि हम उस घर की तलाश करेंगे, जहां गांधी जी ठहरे थे। वह हमारे लिये धरोहर है। उसे जाग्रत संग्रहालय बनाया जायेगा।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Sat, 15 Apr 2017 03:27 PM (IST)Updated: Sat, 15 Apr 2017 09:47 PM (IST)
सीएम नीतीश बोले- गांधी जी जिस घर में ठहरे थे उसकी तलाश करेगी सरकार
सीएम नीतीश बोले- गांधी जी जिस घर में ठहरे थे उसकी तलाश करेगी सरकार

पटना [राज्य ब्यूरो]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि गांधी जी जब पहली बार चंपारण पहुंचे तो वहां के गोरख बाबू के आवास पर ठहरे थे। वह मकान अब किस स्थिति में है किसी को पता नहीं। सरकार उस मकान की तलाश करेगी। उसका जीर्णोद्धार किया जायेगा क्‍योंकिे वह वह हमारे लिए धरोहर है। हम चाहते हैैं कि वह जाग्रत संग्रहालय के रूप में हो।

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दरअसल गांधी संग्रहालय की स्वर्ण जयंती के मौके पर आयोजित समारोह में संग्रहालय के निदेशक रजी अहमद ने गोरख बाबू की प्रपौत्री स्मिता चंद्रमणि कुमार को भी आमंत्रित किया था। मुख्यमंत्री ने उन्हें सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैैंने यह इच्छा व्यक्त की कि इस बार जब चंपारण की यात्रा में गोरख बाबू के उस घर को भी देखने जाउं जहां गांधी जी अपनी यात्रा के क्रम में ठहरे थे। उनकी प्रपौत्री स्मिता ने उन्हें यह बताया कि वह आवास तीन बार बिक चुका है। सरकार उस धरोहर को रिस्टोर करेगी।

इन पुस्तकों का किया विमोचन
गांधी संग्रहालय के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने चार पुस्तकों का लोकार्पण किया वह चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में बिहार अभिलेख निदेशालय ने प्रकाशित कराया है। एक पुस्तक है राइटिंग्स एंड स्पीचेज ऑफ महात्मा गांधी रिलेटिंग टू बिहार। इस पुस्तक का प्रकाशन 1960 में पहली बार हुआ। इसका पुनर्मुद्रण किया गया है।

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दूसरी पुस्तक है गांधीजी इन बिहार। इसका भी पुनर्मुद्रण हुआ है। पहली बार 1969 में बिहार राज्य अभिलेखागार ने इसे प्रकाशित किया था। तीसरी पुस्तक है रिकार्ड्स ऑफ द विजिट ऑफ महात्मा गांधी इन बिहार इन डिफरेंट फेजेज। 1917 के बाद गांधी जी 1920, 1921, 1925, 1927, 1934, 1939 और 1947 में बिहार आए थे। चौधी पुस्तक बिहार केंद्रित गांधी चित्रावली है।

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