शिक्षक दिवस पर Contract Teachers ने किया धरना-प्रदर्शन, CM नीतीश ने कही ये बड़ी बात
शिक्षक दिवस के अवसर पर बिहार के नियोजित सरकारी शिक्षक धरना-प्रदर्शन व हड़ताल पर रहे। इसे लेकर मुख्यमंत्री ने क्या कहा तथा क्या हैं इस हड़ताल के कारण जानिए इस खबर में।
पटना [जेएनएन]। बिहार में एक तरफ शिक्षक दिवस (Teachers Day) मनाया जा रहा है तो दूसरी तरफ राज्य के सरकारी नियाेजित शिक्षक (Contract Teachers) हड़ताल पर हैं। उनका दिन धरना-प्रदर्शन में कट रहा है। इसके लिए पूरे राज्य के शिक्षकों को पटना के गर्दनीबाग में जुटना था, लेकिन प्रशासन ने जब पटना के संजय गांधी स्टेडियम (गर्दनीबाग) को सील कर दिया, तब आंदोलनकारी शिक्षक सड़क पर ही बैठ गए।
इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शिक्षक दिवस के समारोह के माध्यम से उन्हें नसीहत दी कि वे चाहे जो मांग करें, जो नारे लगाएं, लेकिन पढ़ाने का अपना मूल दायित्व नहीं भूलें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शिक्षक अगर अपने दायित्व को निभएंगे तो सरकार भी उनके लिए कुछ सोंचेगी।
नहीं माने शिक्षक
समान काम, समान वेतन और सेवा शर्त सहित 11 सूत्री मांगों के समर्थन में गुरुवार को सभी बाधाओं को पार कर राज्य भर से नियोजित शिक्षक राजधानी के गर्दनीबाग में एक दिवसीय हड़ताल और धरना-प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे। आंदोलन में प्राथमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों ने भी हिस्सा लिया। हड़ताल को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से पहले गांधी मैदान और इसके बाद गर्दनीबाग स्थित संजय गांधी स्टेडियम का आवंटन रद किया गया। लेकिन, शिक्षकों की भीड़ रुकी नहीं। जगह-जगह बैरिकेडिंग के कारण शिक्षक गर्दनीबाग के धरनास्थल पर नहीं पहुंच सके तो गेट पब्लिक लाइब्रेरी के सामने जमा हो गए।
की जमकर नारेबाजी
हड़ताल में शामिल सभी शिक्षकों ने फ्लाईओवर के नीचे सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दोपहर जिलाधिकारी कुमार रवि भी गर्दनीबाग थाने पहुंचकर प्रदर्शन का जायजा लेते रहे। बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष सह संयोजक ब्रजनंदन शर्मा ने कहा कि शिक्षकों के आंदोलन को दबाने के लिए विभागीय पत्र जारी किया गया। पटना से बाहर गांधी सेतु के पास रोका गया। इसके बावजूद सैकड़ों शिक्षकों ने गर्दनीबाग पहुंचकर सरकार की शिक्षक विरोधी नीति के विरुद्ध मुंह पर काली पट्टी बांध प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शिक्षकों की मांगें शीघ्र नहीं पूरी की गईं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। प्रदर्शन को समर्थन देने पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव भी धरनास्थल पर पहुंचे।
जारी रहेगा शिक्षकों का आंदोलन
बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी मनोज कुमार ने कहा, शिक्षकों का आंदोलन अभी जारी रहेगा। आंदोलन को आक्रामक करने के लिए जल्द शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति की बैठक होगी। टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कंडेय पाठक ने कहा, अब समान वेतन-सेवा शर्त हासिल करने से पहले शिक्षक रुकने वाले नहीं हैं। शिक्षक दिवस पर कार्रवाई की धमकी दी जा रही है। आला अफसर शिक्षकों के खिलाफ पत्र जारी कर रहे हैं। संगठन के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने कहा, आंदोलन से घबराई सरकार शिक्षकों का अपमान कर रही है।
शिक्षकाें की ये हैं मांगें
उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों को नियमित करने की मुख्य मांग को लेकर राज्य के चार लाख शिक्षक विरोध-प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। शिक्षक नेता अश्विनी पाण्डेय ने बताया कि शिक्षकों की प्रमुख मांगों में नियमित शिक्षकों की तरह ही नियोजित शिक्षकों को भी वेतनमान एवं हूबहू सेवा शर्त देने, पुरानी पेंशन योजना, सामान्य भविष्य निधि एवं ग्रुप बीमा का लाभ सभी शिक्षकों को उपलब्ध कराने, शिक्षकों के अप्रशिक्षित आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति, समान स्कूल प्रणाली लागू करने की मांगे शामिल हैं।
प्रशासन का स्पष्ट निर्देश, खुले रहेंगे सभी स्कूल
एक तरफ शिक्षक हड़ताल पर हैं, वहीं शिक्षा विभाग ने शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी विद्यालयों को खुला रखने का आदेश जारी किया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस बाबत पत्र भेजा है।