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सरकार कर रही ये इंतजाम, ताकि दहेज-दानव से महफूज रहें बेटियां

दहेज प्रथा को जड़ से समाप्त करने के लिए बिहार सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं, जिनके लागू होने के बाद बिहार की बेटियां अब दहेज के दानव से महफूज रहेंगी।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 21 Nov 2017 11:46 AM (IST)Updated: Tue, 21 Nov 2017 11:42 PM (IST)
सरकार कर रही ये इंतजाम, ताकि दहेज-दानव से महफूज रहें बेटियां
सरकार कर रही ये इंतजाम, ताकि दहेज-दानव से महफूज रहें बेटियां

पटना [भुवनेश्वर वात्स्यायन]। दहेज के खिलाफ शुरू हुए जागरूकता अभियान के साथ-साथ सरकार बेटियों की सहायता के लिए कई नए व्यवस्थागत इंतजाम करने जा रही है। इस क्रम में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के स्वरूप को परिवर्तित करने की योजना पाइपलाइन में है। जल्द ही इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

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नए प्रावधान का तर्क

दहेज विरोधी अभियान की मॉनीटरिंग कर रहे अधिकारियों का कहना है कि अध्ययन के क्रम में यह बात सामने आयी है कि चौदह से सोलह वर्ष की उम्र में बड़ी संख्या में लड़कियों की शादी होती है। इसकी वजह यह धारणा है कि लड़की की उम्र अगर अधिक हो जाएगी तो उसकी शादी के लिए अधिक दहेज देना होगा।

इस तरह के कई उदाहरण देखकर यह तय किया गया कि आर्थिक मदद को लेकर कुछ ऐसी व्यवस्था कर दी जाए जिससे इस उम्र में दहेज की वजह से शादी होने की संख्या को कम किया जा सके। इससे बाल विवाह पर भी अंकुश लगेगा।

क्या हो रहे नए इंतजाम

आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार, सरकार के स्तर पर चलाई जा रही कन्या विवाह योजना के स्वरूप में बदलाव किया जा रहा हैै। वर्तमान में यह व्यवस्था है कि लड़की के जन्म के समय इस योजना के तहत पांच हजार रुपये दिए जाते हैैं।

जो नई योजना आने वाली है उसके तहत अब पंद्रह हजार रुपये दिए जाएंगे। पंद्रह हजार रुपये दिए जाने का सिस्टम इस तरह से तय किया गया है कि लड़की के लिए तय शादी की उम्र तक इंतजार करना पड़े। दहेज के भय से चौदह से सोलह साल की उम्र में शादी न की जा सके।

नई व्यवस्था के तहत लड़की के जन्म के समय उसके अभिभावक को दो हजार रुपये की बैैंक एफडी, चौदह की उम्र में छह हजार रुपये की बैैंक एफडी और उन्नीस की उम्र में सात हजार रुपये की बैैंक एफडी दी जाएगी।

लड़कियों को खुद मुख्तार बनाने को भी आ रही योजना

लड़कियों को अगर अपने पैरों पर खड़ा कर दिया जाए तो बहुत हद तक दहेज वाली शादियों पर अंकुश लग सकेगा।

इस धारणा को केंद्र में रखकर सरकार कुछ ऐसी नई योजनाओं को लाने की तैयारी में है जिसके तहत उन्नीस वर्ष के बाद लड़कियों को सरकारी महकमे के माध्यम से किस्म-किस्म के तकनीकी और रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिए जाएंगे। इस प्रशिक्षण में वैसे ट्रेड शामिल किए जाएंगे जिनकी मांग वर्तमान में अधिक है। 


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