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सरकार ने किया शराबबंदी कानून में संशोधन, अब असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर भी कर सकेंगे कार्रवाई

सरकार ने शराब से जुड़े मामले में अब जमादार (असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर) को भी कार्रवाई अधिकार दे दिया है। मानसून सत्र में अध्यादेश पर विधानमंडल की मुहर लग जाएगी।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 09:22 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 09:22 AM (IST)
सरकार ने किया शराबबंदी कानून में संशोधन, अब असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर भी कर सकेंगे कार्रवाई
सरकार ने किया शराबबंदी कानून में संशोधन, अब असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर भी कर सकेंगे कार्रवाई

पटना, जेएनएन। शराब से जुड़े मामले में अभी तक दारोगा और उससे ऊपर के पुलिस अधिकारियों को ही कार्रवाई का अधिकार था। सरकार ने अब जमादार (असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर) को भी यह अधिकार दे दिया है। अध्यादेश के जरिए शराबबंदी कानून में संशोधन कर दिया गया है। मानसून सत्र में अध्यादेश पर विधानमंडल की मुहर लग जाएगी।

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अदालत से फायदा उठाकर छूट जाते थे आरोपित

प्रदेश में शराब से जुड़े मामलों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में बड़े अधिकारी जमादार से ही काम लेते थे, लेकिन अदालत में आरोपित उसी का फायदा उठाकर छूट जाते थे। अब गृह विभाग ने कानून की कमियों को दूर करने का पुख्ता इंतजाम कर लिया है। आने वाले दिनों में जमादार भी अब शराब से संबंधित छापेमारी के लिए किसी के घर में घुस सकते हैं। रेड और जांच-पड़ताल भी कर सकते हैं। गौरतलब है कि शराबबंदी कानून के तहत अब तक सिर्फ दारोगा यानी सब इंस्पेक्टर या उनके ऊपर के अधिकारी के पास ही शराब से जुड़े मामलों में कार्रवाई का अधिकार था।

शराबबंदी की तारीख से प्रभावी होगा संशोधन

सरकार ने अध्यादेश लाकर शराबबंदी कानून में कुछ फेरबदल किया है। कानून लागू होने की तिथि से ही जमादार को सारे अधिकार दे दिए गए हैं। दो अक्टूबर, 2016 के प्रभाव से संशोधन लागू किया गया है। सनद रहे कि उसी तारीख से बिहार में शराबबंदी कानून प्रभावी हुआ था।

अब अदालत में टिकेगा मामला

दारोगा और उनसे ऊपर के अधिकारियों ने काम के दबाव के कारण शराब से जुड़े हजारों मामलों की जांच जमादार स्तर के पुलिस अधिकारी को दे दिया था। सुनवाई के दौरान उसी को आधार बनाकर आरोपित अदालत से बरी हो जा रहे थे। अदालत में सरकार का पक्ष फेल हो जा रहा था। कानून में संशोधन हो जाने के बाद आरोपितों के बरी होने का वह आधार बेमानी हो जाएगा।


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