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अब तो ये कचरा भी है काम का.. तैयार हो रहा बायो डीजल, बिजली और गैस, जानिए

ठोस कचरा प्रबंधन से अब कचरा भी होगा काम का। कचरे से अब बायो डीजल,बायोगैस और बिजली का उत्पादन हो रहा है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 08 Jun 2018 10:57 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jun 2018 11:44 PM (IST)
अब तो ये कचरा भी है काम का.. तैयार हो रहा बायो डीजल, बिजली और गैस, जानिए
अब तो ये कचरा भी है काम का.. तैयार हो रहा बायो डीजल, बिजली और गैस, जानिए

पटना [नलिनी रंजन]। राजधानी के कचरे से हर दिन ढाई लाख लीटर बायो डीजल, बिजली और गैस तैयार की जाएगी। अमेरिकन टेक्नोलॉजी पर आधारित एक कंपनी ने नगर विकास सह आवास विभाग को इस बाबत प्रस्ताव दिया है। कंपनी राजधानी में ठोस कचरा प्रबंधन भी करेगी।

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कचरे की समस्या से निजात के साथ इससे बायो डीजल, बिजली, पेयजल भी तैयार किया जा सकेगा। एक अनुमान के अनुसार पटना में हर दिन निकलने वाले सूखे व गीले कचरे से करीब ढाई लाख लीटर बायो-डीजल तैयार किया जा सकता है। 

एजी डाउट्र्स वेस्ट प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड के एमडी अजय गिरोत्रा ने  नगर विकास सह आवास मंत्री सुरेश शर्मा को यह प्रस्ताव दिया है। अजय गिरोत्रा ने बताया कि हमारे पास ऐसी तकनीक है जिससे कचरे से ही बायो-डीजल, विद्युत और पेयजल तैयार कर सकते हैं। बायो डीजल काफी उपयोगी है।

निकाय या सरकार चाहे तो इसे बायो-गैस में बदलकर  शहर में कनेक्शन दिया जा सकता है। यह एलपीजी से काफी किफायती है। बताया जाता हैं कि पटना में पूर्व में भी एक कंपनी को दो वर्ष पहले कचरा से विद्युत बनाने के लिए करार किया गया था। लेकिन कुछ नहीं होने के बाद उसका करार रद करने की तैयारी की जा रही है।

बिना खर्च कचरे से मिलेगी निजात 

ठोस कचरा निस्तारण प्लांट स्थापित करने के लिए एजेंसी नगर निगम या सरकार से कोई खर्च नहीं लेगी। लगभग एक एकड़ में प्लांट तैयार कर पूरे शहर के कचरे का प्रबंधन किया जा सकता है। कंपनी घर-घर से कचरे का उठाव कर उसे प्लांट तक ले जाएगी। वहां उससे बायो डीजल, विद्युत और पेयजल तैयार किया जाएगा। सरकार चाहेगी तो वह पेट्रोल पंप खोलकर डीजल बेचेगी, नहीं तो  सरकार को ही 25 रुपये प्रति लीटर के भाव से डीजल बेच देगी। विद्युत व पेयजल भी किफायती दर में उपलब्ध कराया जाएगा। 

डेढ़ मिनट में पूरी होगी प्रक्रिया 

पहले प्लाज्मा गैसीफिकेशन से कूड़े को विखंडित किया जाएगा। इसके बाद इसे मॉलीक्युलर फॉर्म में बदलकर 'सिन' गैस बनाई जाएगी, जो डीजल में परिवर्तित हो जाएगी। पूरी प्रक्रिया में डेढ़ मिनट लगेगा। डीजल के अलावा हवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाला  जेट फ्यूल और पीएनजी भी बनाने का कंपनी ने दावा किया। 

कहा पटना की मेयर ने 

पटना में कचरा प्रबंधन सबसे बड़ी समस्या है। इसके लिए नगर विकास सह आवास मंत्री के साथ एजेंसी की बैठक हो चुकी है। जल्द ही राजधानी में ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट लगाने को लेकर एजेंसी के साथ प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 

- सीता साहू, मेयर, पटना।

एक दिन का कचरा और उत्पाद 

- 1500 मीट्रिक टन : हर दिन पटना में निकलता है ठोस कचरा :

- 600 मिलियन लीटर हर दिन गीला कचरा निकलता है

- 6500 मेगा वाट बिजली का होगा उत्पादन 

- 300 मिलियन लीटर पेयजल 

- 200 मिलियन लीटर बायो डीजल  

उत्तर प्रदेश के दो शहरों में प्रस्ताव अंतिम चरण में 

ठोस कचरा प्रबंधन के तहत एजेंसी व उत्तर प्रदेश सरकार के कई नगर निगम में कंपनी को काम सौंपने की प्रक्रिया चल रही है। इसमें शाहजहांपुर व मुरादाबाद नगर निगम में सरकार के स्तर पर एजेंसी के साथ एमओयू की प्रक्रिया चल रही है।

शाहजहांपुर नगर निगम के आयुक्त एचके सिंह ने बताया कि एजी डाउटर्स के साथ ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट स्थापित करने के लिए सरकार मंजूरी की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

जबलपुर में विद्युत व इंदौर में बन रहा डीजल

ठोस कचरा प्रबंधन के तहत देश के कई शहरों में विद्युत व बायो डीजल बनाने का कार्य चल रहे है। इसके तहत केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल रहे इंदौर में बायो डीजल और जबलपुर में विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। 


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