Move to Jagran APP

बिहार के उद्यमियों के लिए अच्छी खबर, बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों की जमीन पर सर्विस सेक्टर से जुड़ा काम कर सकेंगे

Bihar News औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति में सर्विस सेक्टर के लिए बियाडा से जमीन दिए जाने का प्रविधान ही नहीं था। अब आवेदन आने शुरू होंगे तो इस तरह की यूनिटों को बियाडा से जमीन उपलब्ध हो सकेगी।

By Jagran NewsEdited By: Akshay PandeyPublished: Sun, 16 Oct 2022 06:03 PM (IST)Updated: Sun, 16 Oct 2022 06:03 PM (IST)
बिहार के उद्यमियों के लिए अच्छी खबर, बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों की जमीन पर सर्विस सेक्टर से जुड़ा काम कर सकेंगे
राज्य में बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों की जमीन पर सर्विस सेक्टर से जुड़ा काम कर सकेंगे उद्यमी। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों की जमीन पर उनसे संबद्ध उद्यमी अब सर्विस सेक्टर से जुड़े काम को कर सकेंगे। बियाडा से उद्यमियों ने जो जमीन उत्पादन इकाई की स्थापना के लिए ली थी अब उसका इस्तेमाल वह खुद सर्विस सेक्टर से जुड़े उद्यम की स्थापना के लिए सहजता से कर सकेंगे। उद्योग विभाग ने औद्योगिक प्रोत्साहन नीति 2016 में संशोधन के तहत इसकी व्यवस्था कर दी है। 

loksabha election banner

बियाडा के औद्योगिक परिसर में ली थी जमीन

औद्योगिक इकाई की स्थापना के लिए शहरी क्षेत्र में स्थित बियाडा के औद्योगिक परिसर में बड़ी संख्या में उद्यमियों ने उत्पादन इकाई की स्थापना के लिए जमीन ली थी। उनमें ऐसे उद्यमियों की संख्या काफी है, जिन्होंने या तो उत्पादन इकाई नहीं लगाई या फिर उनकी उत्पादन इकाई बीच में ही बंद हो गई। इस वजह से उन्हें आवंटित जमीन बेकार पड़ी है। कई उद्यमियों ने बियाडा के समक्ष यह इच्छा प्रकट किया कि वे अपनी जमीन पर सर्विंस सेक्टर के तहत काम करना चाहते हैं। पर इस तरह का प्राविधान नहीं होने की वजह से बात बन नहीं रही थी। अब औद्योगिक प्रोत्साहन नीति में संशोधन के बाद उद्यमियों को वैधानिक रूप से यह सहजता हो गयी है कि उन्हें जो जमीन आवंटित है उस पर वे सर्विस सेक्टर के तहत काम कर सकेंगे। 

संधोधन के बाद आवेदन आने हुए शुरू

उद्योग विभाग के आला अधिकारी ने बताया कि औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति में सर्विस सेक्टर के लिए बियाडा से जमीन दिए जाने का प्रविधान ही नहीं था। अब जब संशोधन के बाद यह प्रविधान हो गया है तो शहरी क्षेत्र स्थित बियाडा के औद्योगिक परिसर में ए-ग्रेड वेयर हाउस, आइटी पार्क, आइटी आधारित परीक्षा केंद्र और वेयर हाउस अस्तित्व में आएंगे। अभी तक इनके लिए आवेदन ही नहीं आते थे। अब आवेदन आने शुरू होंगे तो इस तरह की यूनिटों को बियाडा से जमीन उपलब्ध हो सकेगी। शहरी क्षेत्र में उत्पादन इकाइयों को जमीन दिए जाने में यह परेशानी थी कि उन्हें पर्यावरण क्लियरेंस व अन्य तरह के लाइसेंस में काफी परेशानी होती थी। वहीं सर्विस सेक्टर में इस तरह की कोई परेशानी नहीं है। बड़ी संख्या में ग्रेड-ए वेयर हाउस से जुड़ी कंपनियों ने बिहार में निवेश को ले अपनी दिलचस्पी दिखाई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.