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बिहार में विद्युत उपभोक्‍तओं के लिए Good News, 30 परसेंट तक सस्‍ती हो सकती है बिजली

बिहार में उपभोक्‍ताओं (Electricity Consumers) के लिए अच्‍छी खबर (Good News) है। यहां बिजली सस्‍ती हो सकती है वह भी 30 परसेंट तक। जन सुनवाई में उठा मामला।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 03:11 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 10:40 PM (IST)
बिहार में विद्युत उपभोक्‍तओं के लिए Good News, 30 परसेंट तक सस्‍ती हो सकती है बिजली
बिहार में विद्युत उपभोक्‍तओं के लिए Good News, 30 परसेंट तक सस्‍ती हो सकती है बिजली

पटना, जेएनएन। Good news for electricity consumers in Bihar : बिहार में  उपभोक्‍ताओं (Electricity Consumers) के लिए अच्‍छी खबर (Good News) है। यहां बिजली सस्‍ती हो सकती है। वह भी 30 परसेंट तक। इस पर अंतिम फैसला (Final Decision) लेने को लेकर मंथन चल रहा है। बेशक इससे बिजली उपभोक्‍ताओं को काफी राहत मिलेगी।

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दरअसल, बिहार विद्युत विनियामक आयोग की पटना में शुक्रवार को जन सुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें डिमांड की गई कि बिजली की दर में 30 परसेंट की कमी लाई जाए। इसके समर्थन में जोरदार तर्क भी दिए गए।

तर्क में बताया गया कि विद्युत टैरिफ में बिजली कंपनी को तीन सालों में 52 परसेंट लॉस की आयोग ने छूट दी है, लेकिन कंपनी ने 80 परसेंट तक छूट का लाभ लिया। इस आधार पर हर कैटेगरी के उपभोक्ताओं के लिए दर में 30 परसेंट कमी लाई जाए। 

आयोग के अध्यक्ष एसके नेगी, सदस्य राजीव अमित और रमेश कुमार चौधरी ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। एक सप्ताह में उठाए गए सवालों का जवाब देने के लिए समय दिया। टैरिफ पर 15 मार्च तक फैसला सुनाने का आश्वासन दिया गया।

बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के संजय भरतिया, बिहार चैंबर कॉमर्स के सुभाष पटवारी और बिहार स्टील मैन्युफैक्चरिंग के वासुदेव प्रसाद ने साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के 2020-21 के लिए विद्युत दर निर्धारण के लिए बिहार विद्युत विनियामक आयोग में जन सुनवाई के दौरान आंकड़ों के साथ जोरदार तरीके से मांग उठाई। 

उपभोक्ताओं ने सुनवाई में कहा कि महाराष्ट्र सहित एक-दो राज्यों को छोड़ दें, तो देशभर में सबसे ज्यादा महंगी बिजली बिहार में है। विद्युत कंपनी लाइन लॉस को 32 से 22 परसेंट करने के दावे को साकार कर दे, तो बिजली सस्ती हो जाएगी। दोनों विद्युत कंपनियों ने आयोग के समक्ष प्रस्ताव रखा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 16770.31 करोड़ रुपये राजस्व की जरूरत पड़ेगी। इसमें 509 करोड़ रुपये के गैप को फिक्स चार्ज और डीपीएस चार्ज में वृद्धि कर पूरा करने की अनुमति दी जाए। वहीं उपभोक्ताओं का कहना था कि फिक्स चार्ज में वृद्धि से सभी स्तर के उपभोक्ता प्रभावित होंगे। 


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