Move to Jagran APP

डायबीटीज, बीपी, हार्ट व थायराइड मरीजों के लिए अच्‍छी खबर, राज्य के अस्पतालों में मिलने लगीं दवाएं

बिहार के सरकारी अस्‍पतालों में मरीजों को मधुमेह बीपी हार्ट की दवाएं मुफ्त मिलेंगी। राज्‍य स्‍वास्‍थ्‍य समिति ने इस आशय का निर्णय लिया है। पीएमसीएच की ओपीडी में 83 इनडोर में दी जा रहीं 125 तरह की दवाएं

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 10:26 PM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 10:26 PM (IST)
डायबीटीज, बीपी, हार्ट व थायराइड मरीजों के लिए अच्‍छी खबर, राज्य के अस्पतालों में मिलने लगीं दवाएं
सरकारी अस्‍पतालों में मुफ्त मिलने लगींं कई दवाएं। सांकेतिक तस्‍वीर
पटना, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के बाद एक ओर बड़ी आबादी बीपी व हृदय रोगों की चपेट में आई है तो दूसरी ओर कंपनियों ने तमाम दवाओं के दाम 11 से 15 प्रतिशत तक बढ़ा दिए हैं। इन समस्याओं से जूझ रहे गरीबों के लिए राहत की खबर है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के अस्पतालों (Government Hospitals) में ओपीडी व इनडोर में मुफ्त दवाओं की संख्या बढ़ा दी है। साथ ही इनमें शुगर (Diabetes), बीपी (Blood Pressure), हृदय रोग (Heart Disease), थायराइड (Thyroid) आदि से लेकर इम्युनोसप्रेस्ड दवाओं तक को शामिल किया गया है। गरीबों के उपचार के सबसे बड़े केंद्र पटना मेडिकल कालेज सह अस्पताल (PMCH) में आजकल ओपीडी में 83 और इनडोर में 125 तरह की दवाएं निश्शुल्क दी जा रही हैं। 

दवा काउंटर पर लग रही लंबी कतार 

loksabha election banner
बताते चलें कि पहले पीएमसीएच की ओपीडी में 76 और इनडोर में 106 तरह की दवाएं ही देने का प्रविधान था। अस्पताल में दवाएं उपलब्ध होने के बाद से हर दिन महिला व पुरुष दोनों दवा काउंटर पर लंबी कतार लग रही है। अधिकारियों के अनुसार फार्मासिस्ट की संख्या बढ़ने के बाद यहां दो काउंटर और शुरू किए जाने हैं। 
हाल में बैठक कर संशोधित की गई आवश्यक दवाओं की सूची

कोरोना के बाद स्वास्थ्य समस्याओं में हुए बदलाव को देखते हुए हाल के दिनों में राज्य स्वास्थ्य समिति में कई बैठकें कर अस्पतालों में निश्शुल्क वितरित की जाने वाली आवश्यक दवा सूची को संशोधित किया गया था। इसमें अस्पतालों में 300 तरह की दवाएं निश्शुल्क वितरित करने पर सहमति बनी थी। इसके तहत कोरोना के बाद खून के थक्के जमने की दवा, उच्च रक्तचार, मधुमेह और एंजाइना पेन की स्थिति में जान बचाने के लिए आवश्यक दवाओं को इसमें शामिल किया गया। इसके अलावा थायराइड की बढ़ती समस्या को देखते हुए थायराक्सिन की 25, 50 और 100 एमजी की दवाएं शामिल की गई हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन डी, विटामिन बी काम्प्लेक्स और विटामिन सी की दवाएं शामिल हैं।

प्रमुख दवाएं : खून के थक्के जमने से रोकने के लिए वार्फरिन, स्ट्रोक, दिल के दौरे आदि से बचाव करने वाली 20 व 40 पावर की टेल्मीसार्टन, अंग प्रत्यारोपण के बाद इम्यूनोसप्रेस्ड के रूप में दी जाने वाली टैक्रोलीमस 1 एमजी, एंजाइन पेन रोकने के काम आने वाली आइसोसाबाइड मोनोनाइट्रेट, उच्च रक्तचाप-हृदय की अनियमित चाल गुर्दे के पास छोटी सी ग्रंथि आदि के इलाज में काम आने वाली प्रोप्रानोलोल, पेप्टिक अल्सर या गैस्ट्रिक की समस्या में आराम देने वाली पैनटाप 40 यानी पैंटोप्राजोल, हार्ट फेल्योर से बचाने वाली दवा प्राजोसिन, नींद की दवा, मधुमेह की ग्लीकाजाइड, गिल्मिप्राइड, मेटफारमिन समेत अन्य परंपरागत उपचार में काम आने वाली दवाएं उपलब्ध हैं। बाहर से दवाएं मंगाने पर करें शिकायत

स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों के अनुसार यदि ओपीडी और इनडोर में पर्याप्त दवाएं होने के बावजूद ओटी, इमरजेंसी और वार्ड में मरीजों से बाहर से दवाएं मंगवाई जा रही हैं। शिकायत के लिए अधीक्षक या अन्य अधिकारी उनसे मिल तक नहीं रहे हैं तो वे डिस्पैच रूम में लिखित शिकायत के साथ प्रिस्क्रप्शन या बीएसटी की छायाप्रति देकर उसकी रिसिविंग लें। इनकी छायाप्रति स्वास्थ्य विभाग या मुख्यमंत्री सचिवालय भेजें। इससे उनके साथ अन्य गरीब मरीजों की समस्या का भी समाधान हो जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.