मनोहर पर्रीकर के निधन पर बिहार में शोक, राज्यपाल टंडन व सीएम नीतीश ने जताया दुख
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर का निधन हो गया है। वे लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। उनके निधन पर बिहार में भी शोक की लहर है। राज्यपाल लालजी टंडन सीएम नीतीश ने दुख जताया
पटना [जेएनएन]। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर का निधन हो गया है। वे लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। पिछले कुछ दिनों से उनकी परेशानी बढ़ गई थी। इसके बाद उन्हें गोवा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उनकी हालत सुधारने की कोशिश की, लेकिन स्थिति लगातार गिरती गई। इधर उनके निधन से बिहार में भी शोक की लहर है।
बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन, सीएम नीतीश कुमार, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी समेत अनेक नेताओं ने शोक प्रकट किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि मनोहर पर्रिकर एक प्रख्यात राजनेता एवं प्रसिद्ध समाजसेवी थे। देश के रक्षा मंत्री के रूप में भी उनका बहुमूल्य योगदान रहा। उनके निधन से न केवल गोवा बल्कि पूरे देश के राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने शोक प्रकट करते हुए कहा कि पर्रीकर ईमानदारी के लिए जाने जाते थे। उन्होंने गोवा के विकास में अहम योगदान दिया। देा के रक्षा मंत्री के रूप में भी उन्होंने काफी कार्य किए। मनोहर पर्रीकर अंतिम समय तक गोवा के मुख्यमंत्री के पद पर बने रहे। वहीं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भी शोक प्रकट किया तथा देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया।
गौरतलब है कि पर्रीकर ने अपने मुख्यमंत्री पद की शपथ 14 मार्च 2017 को ली थी। इससे पहले भी वह 2000 से 2005 तक और 2012 से 2014 तक गोवा के मुख्यमंत्री के साथ ही वे बिजनेस सलाहकार समिति के सदस्य भी रह चुके थे। 2014 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देकर भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार में रक्षा मंत्री का पदभार ग्रहण किया था। वे पहले ऐसे भारतीय मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने आईआईटी से स्नातक थे।
मनोहर पर्रीकर का नाता भारत के गोवा राज्य से है और इनका जन्म इस राज्य के मापुसा गांव में साल 1955 में हुआ था। उनके पिता का नाम गोपाल कृष्ण पर्रीकर और माता का नाम राधा बाई पर्रीकर है। वहीं इस राज्य के लोयोला हाई स्कूल से उन्होंने अपनी शिक्षा हासिल की थी। अपनी 12 वीं की पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने मुंबई में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में दाखिला लिया था और यहां से उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी। वहीं पर्रीकर को हिंदी और अंग्रेजी भाषा के अलावा मराठी भाषा भी बोलनी आती थी।