Patna Crime: छात्रा रोने लगी तो साइबर जालसाज ने रकम लौटाने का झांसा दे फिर उड़ा लिए 50 हजार
ठगी की शिकार बनी छात्रा की करुणा भरी आवाज पर साइबर अपराधी को दया नहीं आई बल्कि इसे उसने अवसर के रूप में लिया। छात्रा उसके सामने गिड़गिड़ाने लगी तो ठगी की रकम वापस करने का हवाला देकर उसके खाते से और 50 हजार रुपये उड़ा लिए।
पटना, जागरण संवाददाता। साइबर ठगों का शिकार बनी एक छात्रा ने पैसे गंवाने के बाद उस पर फिर विश्वास कर लिया और उसके खाते से शेष राशि भी गायब हो गई। उन्होंने कंकड़बाग थाने में शिकायत की है। थानाध्यक्ष रविशंकर सिंह ने बताया कि प्राथमिकी की गई है। ठगों का पता लगाया जा रहा है। पूर्वी इंदिरा नगर निवासी सुशीला कुमारी ने बताया कि वे टेस्ट सिरीज खरीदने के लिए गूगल पर नंबर ढूंढ रही थीं। एक नंबर मिला, जिस पर काल किया। उन्हें क्या पता था कि वह फर्जी साइट है।
छात्रा ने बताया कि काल रिसीव करने वाले ने उनसे मोबाइल में एनी डेस्क रिमोट डेस्कटाप और एल्पेमिक रिमोट डेस्कटाप कंट्रोल नामक दो एप डाउनलोड कराए। इसके बाद पहली बार में पांच रुपये और दूसरी बार में 49 हजार रुपये खाते से गायब हो गए। इसके बाद वे फोन पर ही रोने लगीं। काफी गिड़गिड़ाई कि उनके पैसे लौटा दें, वे बहुत जरूरतमंद हैं।
उन्हें लगा कि जालसाल में थोड़ी भी करुणा होगी तो वह पैसे लौटा देगा। छात्रा को ठग की बातों पर विश्वास भी हो गया, लेकिन यह और घातक सिद्ध हुआ। उसने फिर 50 हजार रुपये निकाल लिए। इस प्रकार छात्रा के खाते से पांच बार में 99 हजार 269 रुपये गायब कर दिए।
पे-फोन अपडेट करने का मैसेज भेज की ठगी
पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के इंद्रपुरी रोड नंबर 5-बी में रहने वाली सुषमा देवी को जालसाज ने वाट्सएप पर पे-फोन अपडेट करने का मैसेज भेज कर 34 हजार 597 रुपये निकाल लिए। उसने वाट्सएप पर लिंक भेजा था, जिस पर क्लिक करते ही उनके पैसे गायब हो गए। सुषमा की शिकायत पर थाने में प्राथमिकी की गई। उनके खाते से रकम तीन बार में निकाली गई थी।
मोबाइल पर आए लिंक तो नहीं करें क्लिक
अनजान नंबर या आइडी से मोबाइल अथवा मेल पर लिंक आए तो उसे क्लिक न करें। यदि कोई लिंक भेज कर कोई एप डाउनलोड करने कहे तो ऐसा करने से बचें। क्योंकि, एक क्लिक पर आपकी जानकारी साइबर अपराधियों के पास पहुंच जाएगी और वे आपके बैंक अकाउंट को खाली कर देंगे। एनी डेस्क रिमोट जैसे कई ऐसे एप हैं, जिससे शातिर आपके मोबाइल को हैक कर यूपीआइ के माध्यम से दूसरे बैंक अकाउंट में रकम ट्रांसफर कर देंगे।
साइबर अपराधी कई बार बिजली कटने, मोबाइल में लोड एप को अपग्रेड करने, क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने, स्कीम और इनाम जीतने का प्रलोभन भरा मैसेज भी भेजते हैं। ऐसे मैसेज को नजरअंदाज करना ही उचित होगा। फर्जी अधिकारी बन कर भी यदि कोई व्यक्ति आपके आधार कार्ड या बैंक अकाउंट से जुड़ी डिटेल मांगता है तो सतर्क हो जाएं। किसी भी अधिकृत एजेंसी से काल कर निजी ब्योरा नहीं मांगा जाता।