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Good News: अभी नवजात का रजिस्ट्रेशन कराएं, 15 साल के अंदर कभी भी जोड़वा सकते हैं नाम

अभी आप अपने नवजात का रजिस्ट्रेशन करा लें। जन्म प्रमाण पत्र में नाम जोडऩे के लिए आपके पास अधिकतम 15 साल तक का समय रहेगा। बिहार सरकार ने जारी किये इससे संबंधित नये नियम।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 06:49 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 11:41 PM (IST)
Good News: अभी नवजात का रजिस्ट्रेशन कराएं, 15 साल के अंदर कभी भी जोड़वा सकते हैं नाम
Good News: अभी नवजात का रजिस्ट्रेशन कराएं, 15 साल के अंदर कभी भी जोड़वा सकते हैं नाम

पटना, राज्य ब्यूरो। अभी आप अपने नवजात का रजिस्ट्रेशन करा लें। जन्म प्रमाण पत्र में नाम जोडऩे के लिए आपके पास अधिकतम 15 साल तक का समय रहेगा। नए नियम के मुताबिक बिहार सरकार की ओर से जारी होने वाले जन्म प्रमाण पत्र में यह बदलाव 15 साल की उम्र तक संभव है। हां, इसके लिए अभिभावकों को थोड़ी अधिक मशक्कत करनी होगी।

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राज्य सरकार ने जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र को बिहार लोक सेवाओं के अधिकार अधिनियम 2011 में शामिल कर लिया है। यानी एक निश्चित समय-सीमा के भीतर अधिकारियों के लिए प्रमाणपत्र जारी करना बाध्यकारी हो गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। 

जन्म और मृत्यु का रजिस्टे्रशन एवं प्रमाण पत्र के लिए 30 दिनों से अधिक और एक साल के भीतर आवेदन करना है। यह अधिकतम छह कार्यदिवस में जारी होगा। प्रखंड साख्यिकी पर्यवेक्षक इसे जारी करेंगे। निर्धारित अवधि में ये प्रमाण पत्र नहीं मिले तो जिला सांख्यिकी पदाधिकारी के यहां अपील कर सकते हैं। 15 दिनों के भीतर आपकी अपील का निबटारा नहीं हुआ तो अगली सुनवाई जिलाधिकारी के यहां होगी। वे इस मामले के रजिस्ट्रार भी नामित किए गए हैं।

जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन अगर एक साल से अधिक होने पर करा रहे हैं तो इसके लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अपर जिला रजिस्ट्रार के यहां आवेदन करना होगा। इसके निबटारे के लिए छह दिन का समय निर्धारित है। अपीलीय प्राधिकार क्रमश: जिला सांख्यिकी पदाधिकारी और जिलाधिकारी हैं।

जन्म प्रमाण पत्र के मामले में कुछ अलग प्रावधान किया गया है। जन्म के समय शिशु का नाम नहीं दे रहे हैं तो कोई हर्ज नहीं है। अगर चुन्नू-मुन्नू टाइप का नाम है तो भी चलेगा। इसमें साल भर में सुधार का पहला मौका है। मतलब साल भर के भीतर शिशु का नाम प्रमाण पत्र में दर्ज करा सकते हैं। एक वर्ष के बाद और 15 वर्ष तक के बीच की अवधि में भी शिशु का नाम जुड़ सकता है। ये दोनों काम प्रखंड विकास पदाधिकारी करेंगे। 


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