एनएमसीएच में शोध के तीन प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी
एनएमसीएच में शोध के तीन प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है।
पटना सिटी। नालंदा मेडिकल कॉलेज में शैक्षणिक तथा अस्पताल में इलाज की व्यवस्था में किए जा रहे गुणात्मक सुधार के प्रयास को एक बड़ी कामयाबी मिली। सोमवार को प्राचार्य कक्ष में हुई एथिक्स कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक में पीजी डॉक्टरों द्वारा किए जाने वाले शोध का प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया गया। अच्छी बात यह रही कि मेडिसिन विभाग द्वारा कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किए गए तीन प्रोजेक्ट में से तीन को मंजूरी मिल गई। हर साल डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इस पर शोध करने की स्वीकृति दी गई है। चर्म रोग विभाग द्वारा प्रस्तुत एक प्रोजेक्ट में कमियां गिना कर कमेटी ने इसमें सुधार करने की बात कहते हुए लौटा दिया।
एथिक्स कमेटी का नेतृत्व कर रहे एनएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विजय कुमार गुप्ता ने बताया कि मेडिसिन विभाग के जिन तीन प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गयी है उसका शोध जनवरी 2020 तक पूरा होने की उम्मीद है। पूरा होने वाले शोध पत्र को केन्द्र एवं राज्य सरकार को सौंपा जाएगा ताकि डेंगू की रोकथाम की दिशा में अगले वर्ष के लिए और बेहतर कार्य योजना तैयार हो सके। प्राचार्य ने बताया कि डेंगू के बुखार और वायरल बुखार में अंतर के साथ क्लीनिकल जांच की तकनीक पर शोध होगा। प्रत्येक प्रोजेक्ट के शोद्यार्थी 50 से 100 मरीजों पर अध्ययन करने के उपरांत ही किसी नतीजे पर पहुंचेंगे। एथिक्स कमेटी में मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. उमा शंकर प्रसाद, सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. निर्मल कुमार, शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार सिंह, प्रसूति विभाग की अध्यक्ष डॉ. रेणु रोहतगी, माइक्रो बायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. हीरा लाल महतो, बायो केमिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष डॉ. आरआर सिन्हा व अन्य थे।
इन प्रोजेक्टों की डॉक्टरों को मिली जिम्मेदारी
मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. उमा शंकर प्रसाद ने बताया कि डेंगू के क्लीनिकल प्रोफाइल पर शोध की जिम्मेदारी पीजी द्वितीय वर्ष की डॉ. अतुलिका प्रकाश करेंगी। इसीजी चेंज इन डेंगू फीवर विषय पर डॉ. अमित कृष्णा एवं विटामिन डी स्टेमिनेशन इन हार्ट फेल्योर विषय पर डॉ. शाहिद इकबाल शोध करेंगे। केस स्टडी पर निर्धारित यह सभी शोध कार्य जल्द पूरा होगा।