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मुंबई से हवाला के जरिए गैंगस्‍टर एजाज लकड़ावाला तक पहुंच रही थी रंगदारी, बिहार-यूपी में हैं रिश्‍तेदार

दाऊद इब्राहिम का करीबी रहा एजाज लकड़ावाला नेपाल में बैठकर मुंबई के अभिनेताओं से लेकर बड़े उद्योगपतियों से रंगदारी की रकम वसूल रहा था। नेपाल में कपिलवस्तु जिले को ठिकाना बनाया था।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 10:01 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 10:48 PM (IST)
मुंबई से हवाला के जरिए गैंगस्‍टर एजाज लकड़ावाला तक पहुंच रही थी रंगदारी, बिहार-यूपी में हैं रिश्‍तेदार
मुंबई से हवाला के जरिए गैंगस्‍टर एजाज लकड़ावाला तक पहुंच रही थी रंगदारी, बिहार-यूपी में हैं रिश्‍तेदार

पटना, जेएनएन। बिहार के पटना स्थित मीठापुर बस स्टैंड के पास से पकड़ा गया मुंबई का मोस्टवांटेड और कभी दाऊद इब्राहिम का करीबी रहा एजाज लकड़ावाला नेपाल में बैठकर मुंबई के अभिनेताओं से लेकर बड़े उद्योगपतियों से रंगदारी की रकम वसूल रहा था। उस तक रंगदारी की रकम कभी बिहार तो कभी यूपी के रास्ते हवाला कारोबारी पहुंचाते थे। करीबियों से संपर्क के लिए वह अक्सर सीमावर्ती जिलों तक पहुंच रहा था, वहां किसी तीसरे के जरिए सूचना मुंबई तक पहुंचाई जा रही थी। इसके लिए उसने नेपाल में कपिलवस्तु जिले को ठिकाना बनाया था, ताकि वहां से यूपी में बैठे उसके करीबी संपर्क में रहे। पोखरा में बनाए गए ठिकाने की जानकारी सिर्फ उसकी बेटी को थी। 

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पंजाब और पश्चिम यूपी के शूटरों को देता था काम

मोहम्मद युसूफ उर्फ मियां ही एजाज का दाहिना हाथ था। वह एजाज के उत्तर भारत का प्रबंधकर्ता भी था। एजाज 2015 के पहले उत्तरी अमेरिका, थाईलैंड, बैंकाक व अन्य एशियाई देशों में भी रंगदारी मांगता था। नहीं देने पर युसूफ को उन्हें ठिकाने लगाने को कहता था। सूत्रों की मानें तो युसूफ उत्तर प्रदेश का रहने वाला था। युसूफ बताए गए व्यक्ति को पंजाब और पश्चिम उत्तर प्रदेश के शूटरों के जरिए मौत के घाट उतारवा देता था। एजाज ने 2015 में युसूफ को मुंबई के एक बड़े मिठाई कारोबारी, बिल्डर और दिल्ली के एक बड़े उद्यमी को ठिकाने लगाने का काम दिया था, लेकिन एजाज और यूसुफ के मंसूबे पर पानी फिर गया।

2015 में गिरफ्तार हुआ था युसूफ 

दिल्ली पुलिस ने 2015 में युसूफ को गिरफ्तार कर लिया। जब युसूफ की गिरफ्तारी हुई तब तक एजाज नेपाल में नहीं था। युसूफ की गिरफ्तारी के बाद एजाज ने सुपारी लेने का धंधा समेट लिया। हालांकि एजाज और यूसुफ कभी आमने-सामने नहीं मिले। उनकी बातचीत तीसरे के जरिए होती थी। सूत्रों की मानें वह तीसरा एजाज का कोई रिश्तेदार था, जो कई बार यूपी और बिहार भी आ चुका है। लेकिन, मुंबई और दिल्ली पुलिस आज तक उसका ठिकाना नहीं ढूंढ सकी। इस कारण वह बिहार और यूपी में कहां और किसके पास आता-जाता था इसकी जानकारी आज तक पुलिस नहीं जुटा सकी। 

एजाज के नाम पर पुराने कारोबारी देते थे हफ्ता 

एजाज सिर्फ मुंबई ही नहीं, बल्कि दिल्ली और यूपी के बड़े कारोबारियों से भी रंगदारी मांगता था। 2007 में यूपी एसटीएफ ने बाराबंकी से एजाज के चार गुर्गो को गिरफ्तार किया था। सूत्रों की मानें तो इसमें दो शूटर थे जिन्हें मुंबई जाना था। मुंबई में एक गायक और एक अन्य अभिनेता शूटरों के निशाने पर थे जबकि दो अन्य अपराधी लखनऊ के एक बड़े कारोबारी का अपहरण करने कर फिरौती वसूलने की फिराक में थे। 


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