गांधीजी के संदेश विश्व के लिए मार्गदर्शक : प्रमोद कुमार
महात्मा गाधी की 150वीं जयंती वर्ष के अवसर पर मंगलवार को मसौढ़ी के गाधी मैदान में लगी चित्र प्रदर्शनी
पटना। 'महात्मा गाधी की 150वीं जयंती' वर्ष के अवसर पर मंगलवार को मसौढ़ी के गाधी मैदान में 'गाधी चित्र प्रदर्शनी एवं सास्कृतिक कार्यक्रम' शुरू हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ सूबे के कला एवं संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया।
इस मौके पर मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाधी के संदेश आज पूरे विश्व के लिए एक मार्गदर्शक बन गए हैं। उन्होंने कहा कि यह गाधीजी का ही विचार था कि देश स्वच्छ और सुंदर बने। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाधी जी के इन्हीं विचारों के साथ आगे बढ़ते हुए स्वच्छता को अपना मूल उद्देश्य बना लिया है। मंत्री ने हरी झडी दिखाकर स्वच्छता पदयात्रा को रवाना किया। डीएम दिवाकर
कार्यक्रम के दौरान आयोजित परिचर्चा 'गाधी और उनके आदर्श' में भाग लेते हुए विशेष वक्ता के रूप में मौजूद एनएन सिन्हा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंस के पूर्व निदेशक डीएम दिवाकर ने कहा कि आज के समय में गाधी को समझना मुश्किल ही नहीं, बल्कि बेहद कठिन है। सिद्धेश्वरनाथ पाडेय ने वर्ष 1974 में दंगे के दौरान गाधी जी के मसौढ़ी आगमन के संस्मरण को लोगों को बताया।
गांधीजी से जुड़े चित्रों की लगाई प्रदर्शनी
इसके पहले मंत्री ने लोक संपर्क एवं संचार ब्यूरो, पटना द्वारा लगाई गई गाधी जी की जीवन पर आधारित फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में गाधी जी के बिहार दौरे की भी तस्वीरों को स्थान दिया गया है। इस प्रदर्शनी में 1947 में मसौढ़ी में दंगे के दौरान गाधी के बिहार आगमन की कुछ दुर्लभ तस्वीरे भी लगाई गई हैं। इस मौके पर लोक संपर्क एवं संचार ब्यूरो, पटना के निदेशक विजय कुमार, पीआइबी, पटना के निदेशक दिनेश कुमार, आरओबी के सहायक निदेशक एनएन झा, क्षेत्रीय प्रसार अधिकारी पवन कुमार सिन्हा, क्षेत्रीय प्रचार सहायक सर्वजीत सिंह और श्री नवल झा व एसडीओ संजय कुमार मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित कर विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित
इस दौरान स्थानीय संस्था जागृति कला मंच द्वारा सुशील कुमार सिंह द्वारा लिखित एवं रंगकर्मी अरविंद कुमार क्षरा निर्देशित 'गाधी की हत्या हज़ारवीं बार' नाटक का मंचन किया गया। इसके साथ ही कलाकारों द्वारा गाधी जी से संबंधित गीत भी प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम स्थल पर प्रकाशन विभाग, जीविका, कृषि विभाग, स्वास्थ्य विभाग जैसे करीब 10 स्टॉल लगाए गए हैं।