पटना एयरपोर्ट पर 26 दिसंबर से आपके हैंड बैगेज पर नहीं लगेंगे स्टांपिंग टैग
अब पटना एयरपोर्ट के साथ ही देश के सात एयरपोर्ट्स पर अब आपके हैंड बैगेज पर स्टांपिंग टैग्स नहीं लगाए जाएंगे।
पटना [जेएनएन]। पटना समेत देश के सात अन्य एयरपोर्ट पर 26 दिसंबर से यात्रियों के हैंड बैग पर नहीं लगाए जाएंगे सुरक्षा जांच के स्टांपिंग टैग। सीआइएसएफ डीजी ओपी सिंह ने बताया कि यह व्यवस्था एक सप्ताह के लिए प्रयोग के तौर पर लागू की जा रही है। ऐसे प्रयोग इससे पहले दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर किए जा चुके हैं।
आईजीआई एयरपोर्ट समेत देश के पांच हवाई अड्डों पर 14 दिसंबर से ही यात्रियों के हैंड बैगेज में सिक्योरिटी चेक वाला टैग नहीं लगाने का निर्णय लिया गया था । सीआईएसएफ की ओर से बताया गया थाहैंड बैगेज की जांच के बाद टैग पर अब स्टैंपिंग भी नहीं होगी।
दुनिया भर के हवाई अड्डों पर हैंड बैगेज की सुरक्षा जांच के लिए की जाने वाली स्टैंडर्ड प्रैक्टिस को देखते यह निर्णय लिया गया है। डोमेस्टिक और इंटरनैशनल दोनों ही टर्मिनल के लिए यह लागू होगा।
समय की होगी बचत: एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि इससे कई बार टैग लगाने और टैग के ऊपर सुरक्षा जांच करने का सबूत देने के लिए की जाने वाली स्टैंपिंग में जो समय बर्बाद होता था, उसे बचाया जा सकेगा। अब तक की प्रैक्टिस में यात्रियों की जांच करने के बाद उनके हैंड बैगेज में लगे टैग पर उस वक्त ड्यूटी पर तैनात सीआईएसएफ का जवान अपने नंबर वाली स्टैंप लगाता है।
इसका मकसद यह है कि अगर किसी हैंड बैग की सुरक्षा में कोई चूक हुई है तो पता लगाया जा सकेगा कि उसे किस अधिकारी ने चेक किया था। लेकिन अब ऐसा नहीं किया जाएगा।
दूसरे एयर पोर्ट पर भी ऐसा होगा: बताया गया है कि यह फैसला अभी एक हफ्ते के लिए लिया गया है। इसके अच्छे रिजल्ट सामने आने पर हमेशा के लिए इस फैसले को लागू दिया जाएगा। बताया गया है कि हैंड बैगेज में टैग नहीं लगाने का यह कदम पहली बार उठाया गया है।
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अधिकारी का कहना है कि दिल्ली के एयरपोर्ट के अलावा इसी तरह की योजना मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद और बेंगलुरु एयरपोर्ट के लिए भी शुरू की जा रही है। इस लिस्ट में चेन्नै एयरपोर्ट का नाम भी शामिल था। लेकिन वहां आए तूफान की वजह से उसे इस ट्रायल रन से अलग रखा गया है।
लंबी लाइनों से मिलेगा छुटकारा: इस निर्णय के पीछे सीआईएसएफ, डायल, दिल्ली पुलिस, बीसीएएस और एयरलाइंस समेत उन तमाम एजेंसियों की सहमति शामिल है, जो एयरपोर्ट की सुरक्षा से जुड़ी हुई हैं। अधिकारी ने इस योजना को लागू करने के पीछे के दो बड़े कारण बताए हैं।
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अमेरिका, इंग्लैंड, चीन और दूसरे विकसित देशों के हवाई अड्डों में इंटरनैशनल स्टैंडर्ड के अनुसार हैंड बैगेज में टैग और स्टैंप नहीं लगाई जाती। दूसरे, इन दोनों चीजों को नहीं करने से दिल्ली से हर दिन देश-विदेश जाने वाले करीब 80 हजार यात्रियों की जांच में तेजी आएगी। इससे उन्हें जांच के लिए कई बार लंबी-लंबी लाइन में लगना पड़ता है। उससे काफी हद तक छुटकारा मिलने की उम्मीद है।
समस्याएं बढ़ सकती हैं: हालांकि, टैग लगाने पर यात्री उस पर अपनी फ्लाइट नंबर और मोबाइल नंबर भी लिख देते थे। इससे अगर किसी यात्री का सामान कहीं छूट जाए तो उस हैंड बैग के मालिक को आसानी से ढूंढ लिया जाता था। लेकिन अब नए तरीके से इस तरह की समस्याएं बढ़ सकती हैं।