बिहार के इन सभी अस्पतालों में होगी हृदय रोगों की मुफ्त जांच, 12 अक्टूबर तक चलेगा अभियान
Free check up of heart diseases हृदयाघात की रोकथाम को 15 दिन चलेगा विशेष जांच अभियान। विश्व हृदय दिवस पर स्वास्थ्य विभाग 29 से 12 अक्टूबर तक आयोजित कर रहा निश्शुल्क जांच सह चिकित्सा पखवाड़ा। सदर अस्पताल से लेकर हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर तक में होगी व्यवस्था
जागरण संवाददाता, पटना। हृदय की बीमारियां आजकल आम होती जा रही हैं। बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक इसका शिकार हो रहे हैं। 40 की उम्र के बाद बीमारियों का खतरा बढ़ता चला जाता है। ऐसे में अगर आप अपने स्वास्थ्य के लिए चिंतित हैं, तो बिहार सरकार का स्वास्थ्य विभाग बेहतर मौका लेकर आया है। आप करीब एक पखवारे तक हृदय संबंधी बीमारियों की मुफ्त जांच करा सकते हैं।
हृदयाघात से होती हैं मौतें
स्वास्थ्य विभाग अचानक मौतों के सबसे बड़े कारण हृदयाघात की रोकथाम के लिए 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस से 12 अक्टूबर तक निश्शुल्क जांच सह चिकित्सा परामर्श पखवारा का आयोजन कर रहा है। प्रदेश के सभी सदर, अनुमंडलीय, रेफरल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, शहरी स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जीविका के सीएलएफ केंद्रों तक में इसकी व्यवस्था की जाएगी।
अभियान का होगा प्रचार
अधिक से अधिक लोग हृदय परीक्षण करा सकें, इसके लिए माइकिंग, बैनर-पोस्टर आदि माध्यमों से इस अभियान का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने इस बाबत सभी सिविल सर्जन को निर्देश दिए हैं।
जांच-उपचार के साथ बचाव की भी दी जाएगी जानकारी
निश्शुल्क जांच सह चिकित्सा परामर्श पखवारे के दौरान अस्पताल आने वाले सभी रोगियों के उच्च रक्तचाप व मधुमेह रोग की स्क्रीनिंग कराई जाएगी। यदि किसी में हृदय रोग की आशंका दिखेगी तो उन्हें उपचार के लिए उच्चतर स्वास्थ्य संस्थानों में रेफर किया जाएगा। जरूरत पडऩे पर टेलीमेडिसिन के द्वारा आशंकित खतरे या इस कारण होने वाले रोगों से बचाव की जानकारी या उपचार की सुविधा दी जाएगी। 30 वर्ष से अधिक उम्र के जिन लोगों को अभी खतरा नहीं होगा उन्हें उच्च रक्तचाप व हृदयघात से बचाव के उपायों, सही खानपान व जीवनशैली में सुधार की जानकारी दी जाएगी।
आठ माह में 4 लाख 21 हजार 819 व्यक्तियों की हुई स्क्रीनिंग
गत 10 वर्षों में देश में गैर संचारी रोग मधुमेह, उच्च रक्तचाप, सामान्य कैंसर, हृदय रोग और लकवा के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसकी रोकथाम के लिए 2010-11 में राज्य के दो जिलों में स्क्रीनिंग कार्यक्रम शुरू किया गया था। 2017-18 से प्रदेश के सभी जिलों में 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। 2022-23 के अगस्त तक 4 लाख 21 हजार 819 लोगों की स्क्रीङ्क्षनग की गई है। वहीं 2017 से लेकर अब तक कुल 37 लाख 37 हजार 518 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है।