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बिहार में अब आसान नहीं होगी ट्रस्ट में धोखाधड़ी, जल्द मिलेगी नए कानून को मंजूरी

बिहार में ट्रस्ट बनाकर संपत्ति का हेरफेर करने वालों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने नया कानून बनाया है जिसके कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद लागू किया जाएगा।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 06:30 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 10:55 PM (IST)
बिहार में अब आसान नहीं होगी ट्रस्ट में धोखाधड़ी, जल्द मिलेगी नए कानून को मंजूरी
बिहार में अब आसान नहीं होगी ट्रस्ट में धोखाधड़ी, जल्द मिलेगी नए कानून को मंजूरी

पटना [राज्य ब्यूरो]। ट्रस्ट बनाकर चल -अचल संपत्ति के फर्जीवाड़े को रोकने के उद्देश्य से बिहार सरकार ट्रस्टों के संचालन से संबंधित नया कानून लाने जा रही है। नए कानून का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। जल्द ही इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

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मध्य प्रदेश का कानून बना आधार 

बिहार में ट्रस्टों पर नजर रखने के लिए बने नए कानून में मध्यप्रदेश के कानून को आधार बनाया गया है। इसके पूर्व निबंधन महकमे ने महाराष्ट्र के काफी पुराने बाम्बे ट्रस्ट कानून का अध्ययन किया था। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि बाम्बे ट्रस्ट कानून बिहार के अनुकूल नहीं है।

वहां ट्रस्ट की संख्या अधिक होने की वजह से ट्रस्ट कमिश्नर का भी प्रावधान है। इसके बाद मध्य प्रदेश के ट्रस्ट कानून के अध्ययन के बाद यह बात सामने आई वहां का कानून बिहार के अनुकूल है। 

जिलाधिकारियों को अधिकार दिए जाने की तैयारी

ट्रस्टों पर नकेल कसने के लिए बने कानून के ड्राफ्ट में यह प्रावधान किया गया है कि जिलाधिकारियों को ट्रस्ट के संचालन की पूरी प्रक्रिया देखने को वैधानिक अधिकार दिए जाएं। किसी जिले मेें अगर ट्रस्ट की संंपत्ति बेची जाती है या फिर ट्रस्ट अपने स्तर से किसी भी तरह की गतिविधि करता है व ट्रस्ट से जुड़े़ लोग ट्रस्ट की आड़ में विदेश यात्रा आदि पर जाते हैैं तो ऐसी स्थिति में उन्हें संबंधित जिले के डीएम से लिखित अनुमति लेनी होगी।

वर्तमान में निबंधन विभाग के स्तर पर ट्रस्ट की गतिविधि को देखा जाता है जो सिर्फ कागज पर है। ट्रस्ट की अद्यतन चल-अचल संपत्ति व अन्य किस्म की गतिविधि की जानकारी भी ट्रस्ट को अनिवार्य रूप से जिलाधिकारी को देनी होगी।

लोकसंवाद कार्यक्रम में आया था सुझाव

मुख्यमंत्री के लोक संवाद कार्यक्रम में ट्रस्टों की गतिविधि पर नजर रखे जाने को ले सुझाव आया था, जिसमें यह जानकारी दी गई थी कि ट्रस्टी अपनी मर्जी से बगैर निबंधन महकमे को सूचना दिए ट्रस्ट की संपत्ति को इधर-उधर कर रहे हैैं। विदेश यात्रा भी कर रहे हैं। बिहार में ट्रस्ट से जुड़ा अपना कोई कानून नहीं है। भारतीय ट्रस्ट एक्ट से यह संचालित होता है। इसके बाद ट्रस्ट से जुड़े नए कानून को तैयार किए जाने पर काम शुरू हुआ ।


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