बिहार: विलुप्त हो रहे सफेद गिद्ध के मिले चार बच्चे, 15 वर्षों के बाद आया नजर; विशेषज्ञ मान रहे शुभ संकेत
सफेद गिद्ध विलुप्त होते जा रहे हैं। लेकिन लोगों में खुशी का ठिकाना तब नहीं रहा जब विलुप्त हो रहे सफेद गिद्ध के चार बच्चे एक साथ देखे गये। मामला बिहार के बेगूसराय का है।
बेगूसराय, जेएनएन। सफेद गिद्ध विलुप्त होते जा रहे हैं। लेकिन लोगों में खुशी का ठिकाना तब नहीं रहा, जब विलुप्त हो रहे सफेद गिद्ध के आधा दर्जन बच्चों को एक साथ देखा गया। हालांकि दो बच्चों को गिद्ध अपने साथ लेते गए, लेकिन बाकी के चार बच्चे जमीन पर ही रह गए। मामला बिहार के बेगूसराय का है। तब स्थानीय लोगों ने बच्चों को सुरक्षित रखा और फिर वन विभाग के हवाले कर दिया।
विशेषज्ञ मान रहे हैं शुभ संकेत
वन विभाग सफेद गिद्ध के बच्चों को सुरक्षित रखनेवाले लोगों को पुरस्कृत करेगा। पक्षी और पर्यावरण विशेषज्ञ गिद्ध के प्रजनन को लेकर अच्छा संकेत मान रहे हैं। इसके परिवार के खोज खबर एवं अनुकूल वातावरण तैयार कर यहां इसके प्रजनन केंद्र बनाने की बात कह रहे हैं।
अचानक सामने आ गए गिद्ध के छह बच्चे
बेगूसराय के छौड़ाही प्रखंड के अमारी गांव के बहियार में विलुप्तप्राय सफेद गिद्ध के छह नवजात बच्चे अचानक शनिवार को सामने आ गए। अमारी बहियार में छौड़ाही निवासी कैलाश चौधरी ने ताड़ के पेड़ पर छह गिद्ध के नवजात बच्चों को देखा। इसी बीच दो बच्चे को लेकर बड़ा गिद्ध उड़ गया। चार बच्चे जमीन पर आ गए, जिसे कैलाश चौधरी संभालकर अपने घर ले आये एवं स्थानीय आलोक कुमार वर्णवाल को सूचना दी।
पटना मुख्यालय को दी गई जानकारी
आलोक वर्णवाल ने दैनिक जागरण को इसकी जानकारी देते हुए वन विभाग से संपर्क करने की मांग की। सूचना पर वन विभाग के रेंजर डी सिंह ने पटना मुख्यालय के वन विभाग के वरीय पदाधिकारी को तस्वीर भेजकर इसकी पहचान करने का अनुरोध किया और पक्षी को सुरक्षित रखने संबंध में मार्गदर्शन मांगा।
सफेद भारतीय प्रजाति का है गिद्ध
कांवर के पशु- पक्षियों पर शोध कर रहे वन व पर्यावरण कार्यकर्ता राजेश कुमार सुमन व अनीस कुमार बताते हैं कि सफ़ेद गिद्ध पौराणिक समय का गिद्ध है जो पहले पश्चिमी अफ्रीका से लेकर उत्तर भारत, पाकिस्तान और नेपाल में पाया जाता था, लेकिन अब सीमित संख्या में पाए जाते हैं। 15 वर्ष से एक भी सफेद गिद्ध इलाके में नजर नहीं आया है। इसे अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ने संकटग्रस्त घोषित कर दिया है। भारत में इसकी जो उप प्रजाति पाई जाती है, उसका वैज्ञानिक नाम नियोफार्म परस्नोप्ट्रस है।
पुरस्कृत किए जाएंगे कैलाश व आलोक
वन विभाग के मंझौल रेंज के रेंजर डी सिंह ने बताया कि सूचना पर तुरंत कार्रवाई की गई है। पटना से विशेषज्ञ की टीम पहुंची है। उन्हें गिद्ध के नवजातों को सौंप दिया गया है। गिद्ध के बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए कैलाश चौधरी व आलोक वर्णवाल को पुरस्कृत किया जाएगा।