जागरण संवाददाता, पटना: संभावित घने कोहरे के कारण पहली दिसंबर से 28 फरवरी तक पूर्व मध्य रेल की ओर से लंबी दूरी की 44 ट्रेनों का परिचालन रद करने का निर्णय लिया गया है। इनमें 38 ट्रेनें पूरी तरह रद कर दी गईं हैं, जबकि छह के परिचालन के दिनों में कमी कर चलाने की घोषणा की गई है। अभी कोहरा घना नहीं होने के कारण कई प्रमुख ट्रेनों को मुक्त रखा गया है। जैसे-जैसे कोहरा घना होने लगेगा और भी ट्रेनों के परिचालन पर संकट के बादल छाने लगेंगे। पिछले साल जहां संपूर्ण क्रांति, श्रमजीवी एक्सप्रेस व मगध एक्सप्रेस जैसी प्रमुख ट्रेनों के परिचालन के दिनों में कमी कर दी गई थी। वहीं, इस साल अभी तक इसे निरस्तीकरण से मुक्त रखा गया है।
लड़खड़ाने लगा ट्रेन-विमान का परिचालन, होने लगी देर
धुंध शुरू होते ही ट्रेन-विमानों का परिचालन लड़खड़ाने लगा है। सोमवार को पटना जंक्शन पर आने वाली लंबी दूरी की अधिकांश ट्रेनें काफी विलंब से पहुंचीं। वहीं, पटना एयरपोर्ट पर विमानों का विलंब से पहुंचना भी जारी रहा। हटिया-पटना 18625-26 सुपरफास्ट एक्सप्रेस सोमवार को रद रही। हावड़ा-हरिद्वार को रद कर दिया गया था।
पूरी तरह रद ट्रेनें
यहां देखिए पूरी तरह रद ट्रेनों की पूरी लिस्ट और अवधि...
एक घंटे तक फुलवारीशरीफ में फंसी रही मगध एक्सप्रेस
इस्लामपुर से पटना होकर नई दिल्ली जाने वाली 12801 मगध एक्सप्रेस में तकनीकी खराबी आने से यह पटना जंक्शन से सोमवार को एक घंटे विलंब से खुली। मगध एक्सप्रेस शाम साढ़े पांच बजे के बजाय साढ़े छह बजे नई दिल्ली के लिए रवाना हुई। अभी यह ट्रेन फुलवारीशरीफ ही पहुंची थी कि सिग्नल में खराबी आने के कारण इसे रोक देना पड़ा। इस ट्रेन पर बड़ी संख्या में स्थानीय यात्री सवार थे। पहले से ही एक घंटे विलंब से चल रही इस ट्रेन को काफी देर तक रोके जाने पर स्थानीय यात्री बिफर पड़े। यात्रियों द्वारा काफी हंगामा होने के बाद एक घंटे बाद ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया गया। बिहार दैनिक यात्री संघ के महासचिव मो. शोएब कुरैशी ने बताया कि इस ट्रेन को किस कारण से रोका गया है यात्रियों को नहीं बताया जा रहा था। इससे यात्री उग्र हो हंगामा करने लगे थे। इस ट्रेन से बड़ी संख्या में एमएसटी वाले स्थानीय यात्री यात्रा करते हैं। ठंड के मौसम में ट्रेनों के विलंबित होने से देर रात अपने गंतव्य स्टेशन पर उतरते हैं। वहां से उन्हें गांव-देहात जाना पड़ता है। उन्हें आटो या बस नहीं मिल पाती है, जिससे पैदल ही जाना पड़ता है। इससे दैनिक यात्रियों को काफी परेशानी होती है।