Move to Jagran APP

मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ने किया सरेंडर, कोर्ट ने 22 फरवरी तक भेजा जेल, 20 करोड़ के घोटाले का है आरोप

Magadh University मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद पर षड्यंत्र कर ओएमआर शीट प्रश्न पत्र की छपाई और ई-बुक्स की खरीदारी से जुड़े मामले में 20 करोड़ के घोटाले में शामिल होने का आरोप है। कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया।

By ahmed raza hasmiEdited By: Roma RaginiPublished: Thu, 09 Feb 2023 11:57 AM (IST)Updated: Thu, 09 Feb 2023 11:57 AM (IST)
मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ने किया सरेंडर, कोर्ट ने 22 फरवरी तक भेजा जेल, 20 करोड़ के घोटाले का है आरोप
मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ने किया सरेंडर

पटना, न्यायालय संवाददाता। मगध विश्वविद्यालय में सामग्री की खरीद से जुड़े ठेका मामले में हुए घोटाला के मुख्य आरोपी मगध विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने विशेष जज मनीष द्विवेदी की अदालत में बुधवार को आत्मसमर्पण कर जमानत की मांग की। कोर्ट ने राजेंद्र प्रसाद को 22 फरवरी तक के लिए जेल भेज दिया।

loksabha election banner

बता दें कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद पर षड्यंत्र कर ओएमआर शीट, प्रश्न पत्र की छपाई और ई-बुक्स की खरीदारी से जुड़े मामले में लगभग बीस करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप है। इस मामले में अदालत ने 22 जुलाई 2022 को आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। निगरानी ने कांड संख्या 02/2021 दर्ज किया था। मामला भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, आईपीसी की धारा 120 (बी), 420 सहित अन्य अधिनियम के अंतर्गत दर्ज किया गया था।

प्राथमिक जांच में पाया गया कि इस मामले में ओएमआर शीट, प्रश्न पत्र और ई-बुक्स की खरीदने का ठेका आरोपियों ने नियम कानून को ताक पर रखकर अपने आदमियों को दिया था। इस संबंध में निगरानी की अधिवक्ता आनंदी सिंह ने बताया कि कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी।

पूर्व कुलपति इस मामले के मुख्य आरोपी हैं। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद आरोपी ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है। इस मामले के अन्य आरोपी डॉ. पुष्पेंद्र कुमार वर्मा, जयनंदन प्रसाद सिंह, विनोद सिंह और सुबोध कुमार अभी जमानत पर हैं। इन आरोपियों का आलेख विशेष कोर्ट से गया की अदालत में भेज दिया गया। इन लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है।

14 माह पूर्व पड़ा घर पर छापा तो सुर्खियों में आए राजेंद्र प्रसाद

पटना के न्यायालय में मगध विश्वविद्यालय, गया के कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के आत्मसमर्पण के पीछे उन पर बढ़ता चौतरफा दबाव अहम कारण बना। बिहार की स्पेशल विजिलेंस यूनिट दो दन पहले भी गोरखपुर में आजादनगर पूर्वी स्थित उनके आवास पर आ धमकी थी। इससे पहले 17 नवंबर को भी टीम यहां आई थी और कई घंटे तक सर्च आपरेशन चलाया था। तबसे कुलपति का आवास बिहार की एसवीयू के रडार पर था।

अचानक रोक कर ली गई थी राजेंद्र प्रसाद की तलाशी

इस छापे से तीन महीने पहले गया से वह सरकारी गाड़ी से शहर आए थे। उनके पास बड़ी मात्रा में नकदी होने की सूचना पर गोरखपुर पुलिस ने विश्वविद्यालय चौराहा पर गाड़ी रोककर तलाशी ली, लेकिन कुछ मिला नहीं। अचानक हुई चेकिंग से गाड़ी में सवार कुलपति हैरान हो गए थे। एसवीयू को कुलपति आवास में गहने, दस्तावेज और उपहार मिले थे। यह मामला अखबार की सुर्खियां बन गया था।

पूर्व कुलपति प्रो.अरुण कुमार के कार को घेर कर कुछ अराजक तत्वों ने हमला किया था। आरोप प्रो.राजेंद्र प्रसाद पर लगा। इस मामले को लेकर कार्यपरिषद ने अनुशासनिक समिति गठित की। हालांकि, वह मामले में बरी हो गए थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.