बथनाहा के पूर्व भाजपा विधायक दिनकर राम का निधन, इसबार नहीं मिला था टिकट
भाजपा के पूर्व विधायक दिनकर राम का निधन हो गया। दिनकर 16वीं विधानसभा के लिए बथनाहा से विधायक चुने गए थे। इसबार पार्टी ने टिकट काट दिया था। दिनकर के निधन पर भाजपा में शोक की लहर है। पार्टी नेताओं ने पूर्व विधायक के निधन शोक व्यक्त किया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक दिनकर राम का शनिवार को निधन हो गया। दिनकर 16वीं विधानसभा के लिए बथनाहा से विधायक चुने गए थे। 17वीं विधानसभा चुनाव में पार्टी ने टिकट काट दिया था। वे 83 वर्ष के थे। भाजपा के टिकट पर तीन बार विधायक रहे दिनकर ने शनिवार अपने पैतृक गांव में अंतिम सांस ली। दिनकर के निधन पर भाजपा में शोक की लहर है। पार्टी नेताओं ने पूर्व विधायक के निधन शोक व्यक्त किया है।
दिनकर राम का निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति
बिहार के उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने दिनकर राम के असामयिक निधन पर उनके प्रति गहरी शोक संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा कि दिनकर राम का निधन समस्त भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। वे जन समर्पित एक लोकप्रिय नेता थे। दिनकर राम जी के निधन से भाजपा ने अपना सच्चा सिपाही एवं सामाजिक प्रहरी खो दिया है। पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि दिनकर राम का निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने अपनी संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा कि उनके निधन से भाजपा को अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई निकट भविष्य में मुश्किल है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को चिर शांति एवं दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार को सहन शक्ति प्रदान करें।
भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं में होती थी गिनती
बताते चलें कि दिनकर राम की गिनती भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं में होती थी। उनके निधन की खबर मिलते ही भाजपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ पड़ी। जिला भाजपा कार्यालय में शोकसभा आयोजित हुई। जिलाध्यक्ष सुबोध कुमार सिंह, बथनाहा के मौजूदा विधायक अनिल राम समेत तमाम नेता उपस्थित हुए। दिनकर राम मेजरगंज सुरक्षित सीट से पहली बार 2005 में विधायक चुने गए थे। मेजरगंज प्रखंड के मोहबापुर टोले चैनपुर गांव के रहने वाले थे लेकिन, 2010 में परिसीमन के बाद बथनाहा सीट अस्तित्व में आई और सुरक्षित हुई तो भाजपा ने दोबारा उन्हें टिकट दिया और वे जीते भी। 1 अप्रैल, 1947 को उनका जन्म हुआ था। दिनकर की पत्नी रामसखी देवी का पहले ही निधन हो चुका है। उनकी पांच संतान हैं। 2020 के चुनाव में भाजपा ने उनको बेटिकट कर दिया था। हालांकि, उम्र का हवाला देकर दिनकर राम खुद भी चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे लेकिन, उनकी दिली ख्वाहिश थी कि इस सीट पर उनके पुत्र को टिकट मिले। मगर भाजपा ने दूसरे विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले अनिल राम पर भरोसा जताया। हालांकि, अनिल राम चुनाव जीत गए। गौरतलब है कि दिनकर राम लंबे अर्से से अस्वस्थ भी रह रहे थे। इस साल वे कोरोना संक्रमण की चपेट में भी आ गए थे। मगर, इलाज के बाद स्वस्थ हो गए।