भीम आर्मी का नाम ले बिहार के पूर्व सीएम मांझी की अखिलेश को नसीहत, रिश्तेदार की तरह होगा हाल
यूपी चुनाव में दलित उनका वही हश्र करेंगे जो बिहार में उनके रिश्तेदार का किया था। मांझी का इशारा राजद के तेजस्वी यादव की ओर था। मांझी ने सोमवार को ट्वीट किया- इतिहास पढ़ने का नहीं सीखने का विषय है।
राज्य ब्यूरो, पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव को नसीहत देते हुए कहा कि यूपी चुनाव में दलित उनका वही हश्र करेंगे जो बिहार में उनके रिश्तेदार का किया था। मांझी का इशारा राजद के तेजस्वी यादव की ओर था। मांझी ने सोमवार को ट्वीट किया- 'इतिहास पढ़ने का नहीं, सीखने का विषय है। बिहार चुनाव से अगर अखिलेश यादव ने कुछ सीख ली होती तो शायद भीम आर्मी को नजरअंदाज नहीं करते। वैसे जो हश्र बिहार के दलितों ने उनके रिश्तेदार का किया। यूपी में वही हाल अखिलेश यादव का होने वाला है। इसके बाद उन्होंने हैशटैग लगाते हुए लिखा- 'अब राजा का बेटा राज नहीं करेगा। मालूम हो कि बिहार विधानसभा चुनाव में राजद के साथ हम और वीआइपी की बात नहीं बनी थी जिसके बाद दोनों दलों ने एनडीए का दामन थाम लिया था।
चिरकुट विधायकों को संभाले जदयू, नहीं तो भरना होगा खामियाजा : हम
जीतन राम मांझी को गंभीरता से न लेने का बयान देने वाले जदयू विधायक डा. संजीव कुमार को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने चिरकुट कहा है। हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि जदयू अपने चिरकुट विधायकों को संभाल कर रखे, नहीं तो खामियाजा भुगतना पड़ेगा। ऐसे चिरकुट नेताओं की वजह से ही भाजपा नेता जदयू नेताओं को उनकी हैसियत बता रहे हैं। मालूम हो कि कृषि कानूनों की तरह शराबबंदी कानून वापस लिए जाने के जीतनराम मांझी के बयान पर जदयू के खगड़िया विधायक डा संजीव ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि मांझी जी को उनकी पार्टी या सरकार गंभीरता से नहीं लेती। वह कब क्या बोलते हैं, कुछ पता नहीं होता। इसके पहले भी बिहार में शराबबंदी के मसले पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) लगातार जदयू पर हमला कर रहा है। शराबबंदी पर भाजपा और हम एक साथ हो गए हैं। एनडीए के घटक दल दोनों ही इस कानून से राज्य को नुकसान की बात कह रहे हैं।