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विदेशी भी इस विद्यालय से शिक्षा ले बड़े पदों पर हुए विराजमान, जानें 130 पुराने स्कूल की कहानी

पटना में रेलवे का 130 साल पुराना एेसा स्कूल भी है जहां कभी विदेशी लोग भी पढ़ते थे। देशभर के सभी रेलवे स्कूलों में दानापुर मंडल मुख्यालय स्थित का विद्यालय सबसे ज्यादा हाईटेक है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 09:24 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 09:24 AM (IST)
विदेशी भी इस विद्यालय से शिक्षा ले बड़े पदों पर हुए विराजमान, जानें 130 पुराने स्कूल की कहानी
विदेशी भी इस विद्यालय से शिक्षा ले बड़े पदों पर हुए विराजमान, जानें 130 पुराने स्कूल की कहानी

चंद्रशेखर, पटना। राजधानी के दानापुर मंडल मुख्यालय स्थित रेलवे हाई स्कूल का अपना ही गौरवशाली इतिहास है। यहां देश के पूर्वी क्षेत्र में रेलवे में कार्यरत कर्मचारियों व अधिकारियों के बच्चों के पढऩे के उद्देश्य से बनाया गया ये विद्यालय आज 130 साल बाद पूरी तरह से हाईटेक हो चुका है। 1889 में स्कूल की शुरुआत पर इसे कोलकाता विश्वविद्यालय से संबद्ध किया गया था। तब ब्रिटिश काल में ऐसे कई अंग्रेज पुरुष व महिलाएं थीं जो इस स्कूल से पढ़कर विदेशों में बड़े पदों पर विराजमान हुए।

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आजादी के पहले तक यह बिहार ही नहीं पूर्वी क्षेत्र का सबसे बेहतर स्कूल माना जाता था। आजादी के बाद भी 40 वर्ष तक यह बिहार के टॉप स्कूलों में से एक था। धीरे-धीरे यह उपेक्षा का शिकार होता गया और अपने गौरवशाली इतिहास को बचाने की जद्दोजहद में जुटा रहा।

पहला रेलवे स्कूल जहां चलेगी स्मार्ट क्लास

नए मंडल रेल प्रबंधक रंजन प्रकाश ठाकुर एवं महिला कल्याण संगठन की अध्यक्ष शुभा ठाकुर ने इस स्कूल के पुराने गौरवशाली इतिहास को वापस लाने की मुहिम छेड़ दी है। इस स्कूल के जीर्णोद्धार का काम पूरा हो चुका है। अब एक बार फिर से यह स्कूल  चर्चा में है। देशभर के 131 रेलवे स्कूलों में यह पहला है जहां स्मार्ट क्लासेज की शुरुआत की जा रही है। कक्षा पांच से नौवीं तक के छात्रों के लिए कंप्यूटर का प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए स्कूल में एक बड़ी कंप्यूटर लैब बनाई गई है। इस लैब में एक साथ 80 कंप्यूटर लगाए गए हैं।

आइआइटी की तैयारी के लिए 10वीं से ही दिया जाएगा प्रशिक्षण

इस स्कूल के छात्र-छात्राओं को तकनीकी शिक्षा में निपुण बनाने की कोशिश शुरू कर दी गई है। आइआइटी जेईई अथवा मेडिकल में अधिक से अधिक छात्र सफल हो सकें इसके लिए उन्हें विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा कंप्यूटरीकृत शिक्षा दी जाएगी। 11वीं व 12वीं के छात्र-छात्राओं को बगैर ब्लैकबोर्ड के स्मार्ट क्लासेज के तहत बड़े एलइडी मॉनीटर पर पढ़ाया जाएगा। छात्रों को कंप्यूटराइज्ड टेस्ट में निपुण किया जाएगा। वाई-फाई सुविधा से लैस इस स्कूल के शिक्षक छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयार करेंगे। बच्चों को वार्षिक परीक्षा में ऑनलाइन टेस्ट ही देना होगा।

सबसे बेहतर है रेलवे स्कूल की लाइब्रेरी

इस स्कूल की लाइब्रेरी देश के अन्य 131 स्कूलों में सबसे बेहतर है। यहां ई-बुक के साथ ही सामान्य किताबें भी काफी संख्या में रखी गई हैं। लाइब्रेरी में एनसाइक्लोपेडिया के सभी 30 वॉल्यूम उपलब्ध हैं जिससे शब्दों की उत्पत्ति का पता चल जाएगा।

कक्षा 6 से ही छात्रों को टैबलेट देने की है योजना

इस स्कूल में कक्षा छह से ही छात्रों को स्कूल प्रबंधन की ओर से टैबलेट देने की योजना है। अगले साल से इस योजना को अमलीजामा पहनाने की कोशिश की जाएगी।

ऑनलाइन लिए जाते हैं सारे शुल्क

इस स्कूल में नकदी कारोबार को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। छात्रों से जितने तरह के भी शुल्क लिए जाते हैं वे ऑनलाइन ही जमा होते हैं।

पुराना गौरव दिलाने की कोशिश

दानापुर के मंडल रेल प्रबंधक रंजन प्रकाश ठाकुर ने कहा कि दानापुर रेलवे स्कूल देश के सबसे पुराने रेलवे विद्यालयों में से एक है। इस स्कूल का गौरवशाली इतिहास रहा है। बीच में स्थिति थोड़ी खराब हुई थी। अब एक बार फिर इसके पुराने गौरव को वापस लाने की कोशिश की जा रही है। रेलकर्मियों के बच्चे बेहतर व आधुनिक शिक्षा ग्रहण कर सकें इसकी पूरी कोशिश की जा रही है।


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