Move to Jagran APP

सत्‍ता संग्राम: सीतामढ़ी में चुनाव आते ही राम-सीता की चर्चा, बाढ़ भी बड़ा मुद्दा

चुनाव करीब आते ही बिहार के सीतामढ़ी मं आस्‍था का सैलाब आ जाता है। अगले चुनाव में रामायण सर्किट ही मुख्य मुद्दा होगा।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Fri, 29 Jun 2018 08:36 AM (IST)Updated: Fri, 29 Jun 2018 11:47 PM (IST)
सत्‍ता संग्राम: सीतामढ़ी में चुनाव आते ही राम-सीता की चर्चा, बाढ़ भी बड़ा मुद्दा
सत्‍ता संग्राम: सीतामढ़ी में चुनाव आते ही राम-सीता की चर्चा, बाढ़ भी बड़ा मुद्दा

पटना [अरविंद शर्मा]। चुनाव करीब आते ही सीतामढ़ी क्षेत्र में राजनीति का रंग आस्था वाला हो जाता है। यहां रामायण सर्किट के सपने दिखाए जाते हैं।  पिछली बार भी ऐसा ही हुआ था। अबकी घोषणाओं को हकीकत में तब्दील करके दिखाने का प्रयास है। बताया जा रहा है कि कितने वादे पूरे हुए और कितने पर काम चल रहा है। स्पष्ट है कि अगले चुनाव में रामायण सर्किट अहम मुद्दा होगा। यह स्थानीय सांसद रामकुमार शर्मा भी स्वीकार करते हैं और केंद्र सरकार से स्वीकृत कराने का श्रेय भी लेते हैं।

loksabha election banner

भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने राम के बाद सीता मंदिर निर्माण का ऐलान करके सीतामढ़ी की चर्चा को पहले ही बढ़ा दिया है। यही कारण है कि राजग की उम्मीदें बढ़ गई हैं। केंद्र ने जिस रामायण सर्किट की मंजूरी दी है उसका रास्ता अयोध्या से होते हुए सीतामढ़ी तक आएगा।

यहां राम की बहुत सारी स्मृतियां हैं, जिनके उद्धार का ईमानदार प्रयास नहीं हुआ। यहीं पुनौरा धाम है, जहां सीता का जन्म हुआ था। आस्था के बहाने राजनीतिक दल ऊर्जा लेने के उपक्रम में हैं। भाजपा के राज्यसभा सांसद प्रभात झा के भी दौरे बढ़ गए हैं।

मध्य प्रदेश कोटे से राज्यसभा पहुंचे प्रभात सुरसंड प्रखंड के निवासी हैं। भाजपा के विधान पार्षद देवेश चंद्र ठाकुर भी टकटकी लगाए हैं। जदयू की भी नजर पैनी है, क्योंकि भाजपा से पहले यह सीट जदयू के हिस्से में ही थी। दो बार कब्जा हो चुका है। पूर्व मंत्री रंजू गीता और रुन्नीसैदपुर की पूर्व विधायक गुड्डी देवी भी मौके की तलाश में हैं।

महागठबंधन में सामाजिक समीकरण, पराक्रम और प्रदर्शन के आधार पर राजद की दावेदारी सबसे ऊपर है। वर्ष 2014 में रामकुमार शर्मा से हारने वाले राजद प्रत्याशी सीताराम यादव ने दो-दो बार सीट निकाल चुके हैं। इसके पहले जनता दल प्रत्याशी के रूप में नवल किशोर राय भी दो मर्तबा लालू प्रसाद के लिए सीट पर कब्जा जमा चुके हैं। 1984 के बाद कांग्र्रेस का खाता नहीं खुला है। फिर भी दिल में अरमान है।

कृपलानी पर भी कृपा

सीतामढ़ी क्षेत्र पर यादव नेताओं का दबदबा रहा है। बदले सियासी माहौल में 2014 में यहां से कुशवाहा बिरादरी के रामकुमार शर्मा चुने गए। 1957 में सीतामढ़ी आचार्य जेबी कृपलानी पर भी कृपा बरसा चुका है। वह प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से प्रत्याशी थे। उसके बाद कांग्र्रेस के लिए नागेंद्र प्रसाद यादव ने लगातार तीन चुनाव जीते। 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर महंत श्याम सुंदर दास चुने गए। 1980 में कांग्र्रेस से बलिराम भगत और 1984 में रणश्रेष्ठ खिरहार ने जीत दर्ज की। जनता दल से 1989 में हुकुमदेव नारायण यादव सांसद बने। 1991, 96 व 99 में तीन बार नवल किशोर राय तो 2009 में जदयू से डॉ. अर्जुन राय पर पब्लिक ने भरोसा जताया।

मुद्दे पर महाभारत

सीतामढ़ी का सबसे बड़ा मुद्दा बाढ़ है। बागमती, लक्ष्मणा (लखनदेई) और रातो जैसी नदियां अचानक उफनकर जीना मुहाल कर देती हैं। बुधवार को भी लखनदेई नदी में चार पुल-पुलिया बह गए। रुन्नीसैदपुर के आधा दर्जन गांवों के लिए बागमती परियोजना दु:स्वप्न की तरह है। शुरुआत 1975 में हुई थी, लेकिन प्रभावितों का पुनर्वास आजतक नहीं हो सका है। उक्त गांवों के बच्चे नाव से ही पढऩे जाते हैं। केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद उम्मीदें बढ़ गई थीं, जो अब बेताबी में बदल रही है। रामायण सर्किट के तहत जनकपुर से अयोध्या के लिए शुरू की गई बस सेवा को भी दो दिन बाद बंद कर दिया गया।

कुछ किया, कुछ होना है

सांसद रामकुमार शर्मा रामायण सर्किट पर केंद्र की स्वीकृति को अपनी बड़ी उपलब्धि मानते हैं। केंद्र ने पुनौरा धाम, जानकी स्थान, हलेश्वर स्थान एवं पंथपाकर के विकास के लिए 109 करोड़ रुपये आवंटित किया है। इन्हें विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र बनाना है। अभी डीपीआर बनाया जा रहा है। डुमरा में मेडिकल कालेज और केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति मिल चुकी है। 596 करोड़ की लागत से एनएच-527 की मरम्मत के लिए टेंडर हो चुका है। एनएच-104 का काम भी प्रारंभ होने वाला है। पीएम सड़क योजना के तहत तीन सौ करोड़ का काम कराया गया। मनुष्यमारा नदी से जल निकासी का काम शुरू है। रातो नदी में बांध निर्माण की स्वीकृति हो चुकी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.