गंगा फिर उफान पर, पटना में गांधी घाट तक पहुंच गई नदी की धारा
गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी के कारण बाढ़ ग्रस्त इलाकों में बेचैनी के बीच नदी का पानी पटना के गांधीघाट की ऊपरी सीढ़ी तक पहुंच गया है। इससे कई इलाकों के डूबने का खतरा है।
पटना [वेब डेस्क ]। दो दिनों तक अपेक्षाकृत शांत रहने के बाद गंगा फिर से उफान पर है। सात जिलों में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। पटना में नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे बाढ़ ग्रस्त इलाकों में हालात और बदतर होने के आसार हैं। पिछले 24 घंटों में नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हो रही बारिश के बाद न केवल पटना बल्कि नदी के किनारे बसे अन्य शहरों में भी हलचल है। पटना में नदी की धारा गांधी घाट तक पहुंच गई है।
पिछले चौबीस घंटों में पटना सहित राज्य के अन्य हिस्सों में बारिश का असर भी नदी के जलस्तर पर पड़ा है। राज्य के बाढ़ग्रस्त इलाकों में इस कारण परेशानी और बढ़ गई है। साथ ही नए इलाकों में बाढ़ का खतरा बन गया है। वैसे पटना के पाटलिपुत्र कालोनी में पानी का आना अब बंद हो गया है क्योंकि संप हाउस कर्मी अलर्ट हैं।
जलस्तर बढ़ने से पटना कॉलेज के पास स्थित गांधीघाट की सीढ़िया गंगा की लहरों में ओझल हो गई हैं। गंगा का पानी सबसे ऊपरी सीढ़ी को स्पर्ष करने लगा है। इससे शाम को गंगा की लहरों का आनंद लेने आने वालों पर ब्रेक लग गया है। यही नहीं, नदी का जलस्तर फ्लोटिंग रेस्तरां तक जाने के लिए बने पुल तक पहुंचने लगा है। पुल की निचली सतह और जलस्तर में अब बहुत कम फासला रह गया है।
बाढ़ग्रस्त बिंद टोली में भी पानी और चढ़ने के कारण यहां बसी फूस की झोपड़ियों के जलप्लावन का खतरा बढ़ गया है। यही हाल जिले के अन्य बाढ़ग्रस्त इलाकों का है। फतुहा, मनेर सहित अन्य इलाकों में पानी और चढ़ने से ग्रामीण इलाकों में स्थिति और बिगड़ गई है।
भागलपुर से लेकर भोजपुर तक गंगा के किनारे की बसावटों में लोग बेचैनी में हैं। दो दिन तक जलस्तर में मामूली गिरावट के कारण जो राहत महसूस हो रही थी कि वह गुरुवार को बेचैनी में बदलती दिखी। गंगा की उफनती धारा के कारण भागलपुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्थिति और बिगड़ी है। कई और गांवों का संपर्क जिला व प्रखंड मुख्यालयों से कट गया है।
उधर बूढ़ी गंडक हाजीपुर में गुरुवार की शाम खतरे के निशान से 95 सेमी उपर हो गई। इससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।