बिहार: बाढ़ से अबतक 500 लोगों की मौत, कई इलाकों मे बारिश का अलर्ट
बिहार में बाढ़ से अबतक 500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। दक्षिण-पश्चिम मानसून एक बार फिर सूबे में सक्रिय हो गया है और कई इलाकों में बारिश की संभावना जताई गई है।
पटना [जेएनएन]। बिहार में नदियों का जलस्तर कु्छ कम हुआ है लेकिन बाढ़ से अभी लोगों को राहत नहीं मिली है। रविवार सुबह से हो रही बारिश ने पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल के बाढ़ पीडि़त इलाकों के लोगों के मन में सिहरन भर दी है।
कई इलाकों की नदियों में पानी कम हो रहा था। विस्थापित घरों की ओर लौटकर फिर से अपनी गृहस्थी बसाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, एक बार फिर से रूक-रूक कर हो रही बारिश के बाद लोग भयभीत हैं कि कहीं फिर से बाढ़ ना आ जाए।
सूबे में एक बार फिर मानसून हुआ सक्रिय
दक्षिण-पश्चिम मानसून एक बार फिर सूबे में सक्रिय हो गया है। मानसून की सक्रियता बढऩे से सूबे के उत्तर-पूर्वी जिलों में अच्छी बारिश के आसार बन रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार सोमवार को राज्य के पश्चिमी चंपारण एवं आसपास के जिलों में सोमवार को गरज के साथ बारिश हो सकती है।
रविवार को भागलपुर एवं पूर्णिया में अच्छी बारिश रिकॉर्ड की गई। भागलपुर में पिछले चौबीस घंटे में 31.4 एवं पूर्णिया में 67 मिलीमीटर बारिश हुई।
मौसम विभाग ने किया है अलर्ट
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक शुमेंदु सेनगुप्ता का कहना है कि सोमवार को राजधानी समेत प्रदेश के अधिकतर इलाके में बादल छाए रहेंगे। कुछ जिलों में गरज से साथ बिजली गिर सकती है। पटना, गया, भागलपुर, पूर्णिया में भी बारिश होने की उम्मीद है।
पश्चिम चम्पारण जिले, उत्तर-मध्य, उत्तर-पूर्वी और दक्षिण पूर्वी हिस्से के एक या दो स्थानों पर आज भारी बारिश का भी अनुमान जताया है।
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बाढ़ से अबतक 500 से अधिक लोगों की मौत
बिहार में बाढ़ से अबतक 500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। बिहार में पिछले 24 घंटे में बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 42 लोगों की मौत हुई है।
बिहार के 19 जिलों के 1.71 करोड़ लोग अब भी बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा है कि बाढ़ से 187 खंड और 2,371 पंचायतें प्रभावित हुई हैं। 222 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं जहां 1.44 लाख लोगों ने शरण ली है।
अररिया में 95 लोगों की मौत हुई है जबकि सीतामढ़ी (46), पूर्णिया (44), कतिहार (40), पश्चिम चम्परण (36), पूर्वी चम्पारण (32), दरभंगा (30), मधुबनी (28), माधेपुरा (25), किशनगंज (24) गोपालगंज (20) सुपौल (16), सारण (13), मुजफ्फरपुर (9) सहरसा (8) खगड़िया (8), शिवहर (6) और समस्तीपुर (2) में मौतें हुई है।
कई नदियों का जलस्तर स्थिर
सुपौल में कोसी अब स्थिर दिख रही है। रविवार को 12 बजे कोसी बराज से 1,19,420 तथा बराह क्षेत्र से 99,500 क्यूसेक जलस्राव रिकॉर्ड किया गया है। सहरसा-मधेपुरा में भी स्थिति सामान्य है। अररिया में बारिश ने खुले आसमान के नीचे रहने वाले पीडि़तों की परेशानी बढ़ाई है।
खगडिय़ा के बाढग़्रस्त इलाकों में पानी घट रहा है। यहां गंगा और बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से नीचे, जबकि कोसी और बागमती खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। किशनगंज में बारिश के कारण कनकई नदी का जलस्तर बढ़ा है। इसके बाद प्रशासन ने माइकिंग करवाकर लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है।
कटिहार में भी महानंदा के जलस्तर में मामूली बढ़ोतरी हुई है, जबकि गंगा और कोसी के जलस्तर में कमी आई है। पूर्णिया में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। मुजफ्फरपुर में बाढ़ का पानी शहर में घुस गया है जिससे पूरा जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गई है। पिछले सप्ताह से ही लोग घर छोड़कर ऊंची जगहों पर शरण लिए हुए हैं। बाढ़ के कहर से निपटने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है।
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अधिकारियों ने कहा कि कुछ इलाकों में बाढ़ का पानी घटा है जिसके बाद कई लोग अपने घरों को लौट गए हैं, लेकिन कुछ इलाकों में अभी भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि बचाव और राहत अभियानों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 28 टीमें, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की 16 टीमें और सेना के 630 कर्मी हिस्सा ले रहे हैं।