Move to Jagran APP

बिहार में बाढ़: मृतकों की संख्या हुई 161, कई नए इलाके भी आए चपेट में

बिहार में बाढ़ का प्रकोप जारी है, अबतक 161 लोगों की मौत हो चुकी है। उत्तरी बिहार, सीमांचल के बाद अब गोपालगंज, छपरा में भी बाढ़ की विभीषिका बढ़ सकती है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 17 Aug 2017 08:38 AM (IST)Updated: Thu, 17 Aug 2017 08:51 PM (IST)
बिहार में बाढ़: मृतकों की संख्या हुई 161, कई नए इलाके भी आए चपेट में
बिहार में बाढ़: मृतकों की संख्या हुई 161, कई नए इलाके भी आए चपेट में

पटना [जेएनएन]। बिहार में बाढ़ का कहर जारी है, खासकर उत्तरी बिहार और सीमांचल के जिलों की स्थिति अभी भी विकराल बनी हुई है। राज्य में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 161 तक पहुंच गई है। सिर्फ कोसी और सीमांचल इलाके में ही अब तक 108 लोगों की मौत हो गई है। सबसे ज्यादा 40 की मौत अररिया जिले में हुई है।

loksabha election banner

बाढ़ से बिहार के 21 जिले प्रभावित हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मार राज्य के 14 जिलों पर पड़ रही है। आज सुबह गोपलगंज जिले में गंडक की तेज धार में एक युवक बह गया। सदौवा के समीप एनएच-28 पार करने के दौरान हुआ हादसा। वहीं, पूर्वी चंपारण में आज सुबह बाढ़ के पानी में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई।

पूर्णिया में बाढ़ के पानी में डूबने से तीन की मौत की खबर है। अमौर के सूरजापुर में महिला समेत दो की मौत हो गई है, वहीं, सिमलबाड़ी नगरा टोला में एक युवक की मौत हो गई है। 

जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने गोपालगंज जिला को भी बाढ़ से प्रभावित जिलों में शामिल कर लिया है। आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी लगातार जिलों में कैंप कर रहे हैं, लेकिन बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। जेडीयू प्रदेश महासचिव मंजीत सिंह ने गोपालगंज को सेना के हवाले करने की मांग की है। बैकुंठपुर में कई इलाकों में लोग बाढ़ के पानी में फंसे है।

गोपालगंज में सिधवलिया के सदौवा गांव के पास मुख्र्य तटबंध टूटने के बाद गंडक नदी का पानी सुबह एन एच पार कर तेजी से सिधवलिया प्रखंड मूख्यालय की तरफ बढ रहा है। सिधवलिया के रामपुर से सदौवा हाई स्कूल तक एन एच पर तीन फीट पानी बह रहा है। हाईवे पर वाहनो का आवागमन बंद करा दिया गया है।

एनडीआर,एफ की टीम बाढ में फंसे लोगों को बाहर निकालने में जुटी है। इस बीच हाइवे पार करते समय सदौवा गांव निवासी मंतोश पानी की तेज धारा में बह गया। उसका कुछ भी पता नहीं चल सका है।

वहीं सरयू के बढ़ते जलस्तर ने चिंता बढ़ा दी है। खतरे के निशान से ऊपर बह रही सरयू नदी, तटबंधों पर  दबाव बढ़ गया है, कई जगहों पर कटाव जारी है, जिसकी वजह से गोपालगंज पर खतरा बढ़ गया है। जिलाधिकारी ने अभियंताओं की टीम को बाढ़ग्रस्त इलाकों में रवाना किया है। 

पूर्वी चंपारण के एनएच-104 पर बाढ़ के पानी का हो रहा है बहाव, कई जहगों पर पानी का अत्यधिक हो रहा है बहाव जिससे दर्जनों गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। बाढ़ राहत और बचाव में जवान जुटे हुए हैं। एनडीआरएफ की 27, एसडीआरएफ की 16 टीमें  राहत कार्य में लगी हुई हैं, वहीं सेना के 2186 जवान बचाव कार्य में लगे हुए हैं।

सहरसा के सौरबाजार के कई गांवों में बाढ़ का पानी अचानक आधी रात को प्रवेश कर गया है। 2008 के बाद पहली बार इस गांव में बाढ़ का पानी पहुंचा है। मुजफ्फरपुर में गंडक नदी के जलस्तर में आयी कमी, जलस्तर में आठ इंच की आयी कमी, मुख्य अभियंता ने दी जानकारी।

प्रशासन ने बाढ़ग्रस्त इलाकों के लिए हेल्पलाइन नंबर 1070 जारी किया है। इस नंबर पर डायल कर बाढ़ग्रस्त इलाके के लोग फोन कर अपनी परेशानी बता सकते हैं। प्रशासन की तरफ से बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव सहायता पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। राजधानी पटना से आपदा प्रबंधन विभाग, जल संसाधन विभाग पल-पल की जानकारी ले रहा है। वहीं मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर खुद जानकारी ले रहे हैं।

राज्य में करीब 75 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं। राहत और बचाव का कार्य जारी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित सेना के जवान मुस्तैदी से तैनात हैं। अबतक 2लाख 74 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। राहत में 504 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। लोगों को सुविधाएं पहुंचाने के प्रयास जारी है।

राज्य में मुजफ्फरपुर, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल एवं मधेपुरा जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। बिहार सरकार ने बचाव कार्य में एनडीआरएफ की 4 अतिरिक्त टीमों को तैनात किया है। 2000 जवान पहले से ही मोर्चा संभाले हए हैं। बचाव कार्य में 3 हेलिकॉप्टर भी लगाए गए हैं, जो प्रभावित इलाकों में खाने के पैकेट सप्लाई कर रहे हैं।

अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया में हालात अब भी बेकाबू हैं। वहीं पश्चिम चंपारण में सोमवार रात पिपरा-पिपरासी बांध दो स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया। इससे दर्जनों गांवों में पानी भर गया। मधुबनी के झंझारपुर में कमला नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। खगड़िया में बागमती नदी खतरे के निशान से करीब पौने तीन मीटर ऊपर बह रही है।

बाढ़ के कारण राज्य में रेल और सड़क यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है। दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड और बगहा-बेतिया मुख्य मार्ग पर आवाजाही पूरी ठप्प है, वहीं मोतिहारी-सुगौली रेलखंड पर भी सेवा बाधित है।

मनिया के पास रेल ट्रेक धंसने से सहरसा-पूर्णिया और कटिहार-मालदा रेलखंड पर परिचालन बंद कर दिया गया है। इसी तरह अररिया जिले में रेल पटरी के नीचे से कई जगह मिट्टी खिसकने के कारण रेल सेवा ठप्प है। सीतामढ़ी, कटिहार एवं किशनगंज में सेना ने मोर्चा संभाल रखा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.