बिहार में बाढ़ का खतरा गंभीर, मुख्यमंत्री ने की समीक्षा बैठक
उत्तर बिहार के नेपाल स्थित जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश से विभिन्न इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। कोसी और बागमती नदियां सोमवार तक और उफन सकती हैं। जल संसाधन विभाग के मुताबिक सोमवार को झंझारपुर में कमलाबलान और खतरनाक हो सकती है।
जागरण टीम, पटना। उत्तर बिहार के नेपाल स्थित जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश से विभिन्न इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। कोसी और बागमती नदियां सोमवार तक और उफन सकती हैं। खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज अपराह्न 10.30 बजे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बाढ़ की स्थिति की समीक्षा बैठक की।
जल संसाधन विभाग के मुताबिक सोमवार को झंझारपुर में कमलाबलान और खतरनाक हो सकती है। रविवार को कई नए इलाके में पानी फैलने से स्थिति और बिगड़ गई है। पहाड़ी नदियां सड़कों को भी नुकसान पहुंचा रही हैं। नवगछिया में बड़े रकबे में मकई की फसल को नुकसान पहुंचा है।
सुपौल में कोसी के जलस्तर में वृद्धि से तटबंध के भीतर के गांवों में बाढ़ का पानी घुस आया है। तटबंध के भीतर बसे गांव के लोग मवेशी के साथ ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। रविवार को कोसी का डिस्चार्ज कोसी बराज से 1.71 लाख क्यूसेक बताया गया है।
कटिहार में गंगा, महानंदा व कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। इससे कुर्सेला, अमदाबाद, आजमनगर, प्राणपुर व मनिहारी प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में हैं। अमदाबाद व प्राणपुर के कई गांवों का आवागमन भी पूरी तरह बाधित हो गया है।
महानंदा बांध पर भी दबाब बना हुआ है। स्पर 15 पर कटाव की भी सूचना है। बाढ़ नियंत्रण विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। अररिया जिले के निचले इलाकों में परमान और भलुआ नदी का पानी घुस जाने से लोग बाढ़ की आशंका से सहमे हुए हैं।
कोसी में बढ़ रहे जलस्तर से मधेपुरा जिले के दो दर्जन गांवों में चारो ओर पानी ही पानी है। एडीएम कन्हैया प्रसाद ने बताया कि स्थिति से निपटने के लिए तैयारी की गई है। खगडिय़ा जिले के बलतारा और कुर्सेला में कोसी खतरे के निशान से 104 सेमी और 35 सेमी ऊपर बह रही है।
बूढ़ी गंडक खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। कहलगांव में गंगा खतरे के निशान से 38 सेंमी ऊपर बह रही है। भागलपुर में गंगा का जल स्तर बढऩे से 11 प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति और भी भयावह हो गई है।
लोग दूसरे स्थानों पर शरण ले रहे हैं। नवगछिया क्षेत्र में गंगा और कोसी तटबंध पर पानी दबाव बढऩे से खतरा बढ़ गया है। रंगरा चौक प्रखंड के 2000 घरों में पानी प्रवेश कर गया है। 3000 एकड़ खेतों में लगी मकई की फसल बर्बाद हो चुकी है।
पश्चिम चंपारण में पहाड़ी नदियों के पानी ने कई सड़कों की स्थिति बिगाड़ दी है। नरकटियागंज-बलथर मुख्य पथ एक फीट बाढ़ का पानी बह रहा है। पूर्वी चंपारण के सुगौली प्रखंड क्षेत्र से होकर बहने वाली बूढ़ी गंड़क व तिलावे नदी का पानी शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में भर गया है। सुगौली थाना परिसर में पानी घुस गया है।
समस्तीपुर में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। यह खतरे के लाल निशान से 18 सेमी ऊपर है। दरभंगा के कुशेश्वरस्थान प्रखंड क्षेत्र में स्थिति जस की तस बनी है। प्रशासन की ओर से राहत वितरण नहीं किया गया है।