बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर, डेढ़ हजार गांवों के 10 हजार घर तबाह, चार लाख बेघर
बिहार में बाढ का कहर दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। अबतक राज्य के 43 प्रखंडों के 15 सौ गांवों में बाढ़ का पानी घुस जाने से 10 हजार से अधिक कच्चे-पक्के घर तबाह हो चुके हैं।
पटना [जागरण टीम]। नेपाल के तराई इलाके और उत्तर व पूर्वी बिहार से होकर गुजरने वाले नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के कारण राज्य के विभिन्न जिलों में बाढ़ का संकट और गहरा गया है। सरकारी आंकड़ों पर ही विश्वास करें तो राज्य के 43 प्रखंडों के 15 सौ गांवों में बाढ़ से हालात गंभीर हो चुकी है।
बीते तीन दिनों में डेढ़ दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ से 10 हजार से अधिक कच्चे-पक्के घर तबाह हो चुके हैं तथा चार लाख लोग बेघर हो चुके हैं। क्षति में लगातार इजाफा होता जा रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को बाढग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने जा रहे हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव व्यासजी ने बताया कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। जरूरत पड़ी तो सेना की मदद ली जाएगी।
हथियारबंद ग्रामीणों ने काटा बांध, सैकड़ों गांव डूबे
कोसी-सीमांचल में बाढ़ की स्थिति विकट होती जा रही है। कटिहार में हजारों लोगों ने हरवे-हथियार से लैस होकर महानंदा तटबंध काट दिया। । पुलिस-प्रशासन द्वारा इन लोगों को रोकने का प्रयास विफल साबित हुआ। बांध कटने के बाद कदवा समेत अन्य कई इलाके भीषण बाढ़ की चपेट में आने की आशंका है। सैकड़ों गांव पहले से बाढ़ और कटाव की चपेट में हैं।
यह तटबंध पूरे प्रमंडल में 335 किलोमीटर लंबा है। इसका लगभग 135 किलोमीटर भाग कटिहार जिले में पड़ता है। तटबंध के बाहर बसे लोग लगातार तटबंध की सुरक्षा में जुटे हुए थे, लेकिन उनकी कोशिश भी नाकाम रही। अपने गांव को बचाने के लिए भीड़ जुटी और बांध काट दिया गया। बांध टूटने की आशंका से पूरे प्रखंड क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है।
कटिहार के हालात पर सेना की नजर
बाढ़ का सबसे ज्यादा असर पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज एवं अररिया जिले में है। कटिहार के हालात पर सेना की भी नजर है। बाढ़ से लगभग तीन लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित है। कदवा, आजमनगर, बलरामपुर व प्राणपुर प्रखंड क्षेत्र में स्थिति विकराल हो गई है। महानंदा नदी में उफान से तटबंध के अंदर मौजूद लगभग तीन दर्जन से अधिक पंचायत जलमग्न है।
इधर, बांध में आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर रिसाव के चलते बड़ी आबादी पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। तटबंधों की पहरेदारी को लोग रतजगा कर रहे हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी के मुताबिक स्थिति अभी नियंत्रण में है, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो सेना को भी बुलाया जाएगा।
सात सौ नावों से राहत व बचाव
महानंदा, बखरा, कंकई, परमार एवं कोसी नदियों में उफान से पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार एवं सुपौल जिलों की स्थिति खराब है। प्रभावित गांवों में राहत एवं बचाव के लिए सात सौ अधिक नावों को तैनात किया गया है। एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमें हालात पर नजर रखे हुए है।
अभी तक चार लाख लोग बेघर हो चुके हैं। राहत शिविरों में 1.16 लाख लोग शरण लिए हुए हैं। बचाव दल के सामने सबसे बड़ी चुनौती बाढ़ के अलावा अन्य तरह की बीमारियों एवं सांप-बिच्छू को लेकर है। इसके लिए डाक्टरों की टीमें मौके पर भेजी जा रही हैं।
मधेपुरा में बाढ़ के पानी में डूबकर बच्चा मरा
बुधवार को मधेपुरा में बाढ़ के पानी में डूब कर एक बच्चे की मौत हो गई। अररिया के सिकटी में बकरा नदी में एक दर्जन घर विलीन हो गए जबकि कई सड़कें बाढ़ के पानी में डूबी हैं। पूर्णिया जिले के दो दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है।
पश्चिम चंपारण के भितहां और ठकराहां प्रखंड के करीब एक दर्जन गांवों में बुधवार को पानी घुस गया। प्रभावित लोगों ने पीपी तटबंध पर शरण ली है। दरभंगा के किरतपुर व घनश्यामपुर प्रखंड स्थित प्रभावित गांवों में राहत व बचाव का कार्य जारी है। सुपौल के बसुआ में कोसी स्थिर रही। खगडिय़ा के संतोष स्लूइस के पास बागमती में भी उफान रहा।
फैक्ट फाइल
प्रभावित प्रखंड : 43
जलमग्न पंचायत : 165
आंशिक प्रभावित : 269
प्रभावित आबादी 17.25 लाख
मृत पशुओं की संख्या : 2
नावों की संख्या : 711
विस्थापित लोग : 3.78 लाख
डाक्टरों की संख्या : 59
बाढ़ प्रभावित जिले
कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर एवं सुपौल
नदियों का जलस्तर
नदियां : स्थान : खतरे से ऊपर
बागमती : मुजफ्फरपुर : 0.62
कमला बलान : झंझारपुर : 0.87
कोसी : बलतारा : 1.24
कोसी : कटिहार : 0.10
महानंदा : पूर्णिया : 1.53
झावा : कटिहार : 1.66
(नोट : आंकड़े मीटर में)