बिहार में बाढ़ से मची भारी तबाही, नदियाें में उफान जारी, अब तक 80 डूबे
बिहार के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है। किशनगंज, अररिया, कटिहार और दरभंगा के कई गांव उफनती नदियों की चपेट में आ गए हैं। बाढ़ की विभीषिका को देखकर लोग आशंकित हैं।
पटना [जागरण टीम]। उत्तर बिहार और सीमांचल क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक जिलों में बाढ़ की स्थिति अब भयावह होती जा रही है। किशनगंज, अररिया और कटिहार जिले की स्थिति सबसे बदतर हो गई है। लोग घर-बार छोड़कर ऊंची जगह में शरण ले रहे हैं। बाढ़ में अब तक 80 लोगों के डूबने की खबर मिली है।
कटिहार के अमदाबाद के जियामारी के पास पानी के दबाव से महानंदा नदी का बांध धंस गया है। यहां बांध को ठीक करने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। बीडीओ, सीओ, थानाध्यक्ष सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। जिले के अभियंता भी मौके पर डटे हैं एवं स्थिति नियंत्रित होने की बात कह रहे हैं।
बांध के टूटने की वजह से नदी के पानी का दबाव बढ़ता जा रहा है जिसकी वजह से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। बांध कटने से बड़ी तवाही की आशंका जताई जा रही है। वहीं सुपौल जिले केएन एच 327ई पर जदिया हाईस्कूल के निकट पुलिया के धंस जाने से सुपौल का अररिया से संपर्क भंग हो गया है।
गुठेली,झौआ में बाँध कटने से अरिहाना,सिंघौल,हरनागर,शीतलपुर व् बैरिया पंचायत के दर्जनों गाँवों पर जल प्रलय का ख़तरा मंडराने लगा है। अरिहाना के गुठेली, झौआ,पीरगंज,मानिकनगर,अरिहाना आदि गाँव सीधे कटाव से प्रभावित हुए हैं।
वहीं, कदवा के शिवगंज में भी महानंदा का तटबंध टूटने से भीषण तबाही मच सकती है। कई इलाकों को नदी ने अपने चपेट में ले लिया है। कदवा के साथ आजमनगर व प्राणपुर के इलाकों में भी नदी का पानी फैल रहा है।
दरभंगा के घनश्यामपुर में दो जगहों पर टूटा तटबंध, भारी तबाही
दरभंगा जिले के बाढ प्रभावित घनश्यामपुर प्रखंड में सोमवार की सुबह कमला बलान नदी का पश्चिमी तटबंध बाउर गांव के पास दो जगहों पर टूट गया है । जिससे भारी तबाही मच गई है। इसके मद्देनजर जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है ।
लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी गई है । इससे निपटने के लिए जिला प्रशासन ने आपात बैठक बुलाई है । बाढ प्रभावित क्षेत्र में एनडीआरएफ की टीम तैनात कर दी गई है ।
वहीं, अररिया जिले के नरपतगंज प्रखंड से होकर गुजरने वाली मुख्य नहर को मिर्जापुर के निकट काटे जाने से एक दर्जन पंचायत की लगभग एक लाख से अधिक की आबादी प्रभावित है। इन क्षेत्रों के लोग एन एच 57 तथा सरकारी भवनों पर मवेशियों के साथ तम्बू लगा कर रह रहे हैं।
वहीं राज्य सरकार ने बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए सेना की मदद मांगी है और कई जिलों में सेना पहुंच चुकी है। मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि दानापुर और रांची आर्मी बेस से बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रभावित इलाकों में सेना को कूच करने का अनुरोध किया गया है।
जानकारी के मुताबिक अपराह्न चार बजे कॉलम कमांडर कैप्टन अमृतपाल सिंह खेरा के नेतृत्व में दानापुर आर्मी के 80 जवान व अधिकारी किशनगंज पहुंच गये हैं।
बकौल मुख्य सचिव, बाढ़ प्रभावित किशनगंज, अररिया और पूर्णिया के इलाकों में पहले से ही मौजूद एसडीआरएफ की टीम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुट गई है। केन्द्र सरकार से एनडीआरएफ की 10 टुकड़ियां भी पहुंच रही हैं। भुवनेश्वर से चार टुकड़ी किशनगंज व पूर्णिया पहुंच रही है।
बिहार में नदियों ने तोड़ा तटबंध, कई गांव जलमग्न, देखें तस्वीरें...
पूर्णिया के बायसी प्रखंड के कदमसाड़ी में फंसे करीब 200 लोगों को हेलीकॉप्टर से बाहर निकालकर कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य आरंभ हो गया है। मुख्य सचिव ने कहा कि नेपाल और कोसी तथा सीमांचल के इलाकों में अत्यधिक वर्षा से आयी बाढ़ में फंसे लोगों को निकालना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है।
इधर, मुख्यमंत्री ने भी उच्च अधिकारियों के साथ आपात बैठक की और प्रभावित जिलों के प्रभारी सचिवों को तत्काल हवाई मार्ग से अपने-अपने जिले में पहुंच कर वहां कैंप करने का निर्देश दिया। साथ ही आपदा प्रबंधन और क्षेत्रीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ में फंसे लोगों को वहां से निकालकर जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं। युद्ध स्तर पर बचाव और राहत कार्य चलाएं। उन्होंने कहा कि आर्मी को अलर्ट किया गया है। जरूरत होने पर उनकी भी मदद ली जाएगी।
बाढ़ की भयावहता के मद्देनजर सीएम नीतीश कुमार ने रविवार की सुबह पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री अरुण जेटली से फोन पर बात की। बाढ़ की स्थिति की जानकारी दी और सभी तरह की सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। सीएम ने एनडीआरएफ की दस अतिरिक्त टुकड़ियां व वायुसेना के हेलीकॉप्टर मांगे।
सीएम को हर संभव मदद देने का आश्वासन मिला। सीएम सोमवार को बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। इस दौरान वे बाढ़ की स्थिति और बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में चलाए जा रहे बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लेंगे। विशेषकर किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार में उत्पन्न स्थिति को देखेंगे।
12 जिलों में स्थिति गंभीर
4.85 लाख क्यूसेक पानी वाल्मीकिनगर गंडक बराज से रविवार को छोड़े जाने से स्थिति और विकराल हो गई है। अररिया, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, पूर्वी चंपारण, प. चंपारण, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी में स्थिति गंभीर है।
कटिहार-सिलीगुड़ी रेल मार्ग बंद, पूर्वोत्तर से शेष भारत का संपर्क टूटा
उत्तर बिहार और बंगाल में बाढ़ के कारण किशनगंज-सिलीगुड़ी-रेल मार्ग ठप हो गया है। इसके साथ ही पूर्वोत्तर के आठ राज्यों को शेष भारत से रेल संपर्क टूट गया है। कटिहार से सिलिगुड़ी के मध्य रेल ट्रैक पर कई जगह पानी आ जाने की वजह से 18 से ज्यादा रेलगाड़ियों को रविवार को रद्द करना पड़ा है। पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ राजेश कुमार ने कहा कि पूर्वोत्तर से शेष भारत की रेल सेवा बाढ़ के कारण ठप हो गई है।