बिहार में कोसी की जलधारा में तेजी, 40 गांवों में बाढ़ 50 हजार लोग प्रभावित
कोसी के जलस्तर में गुरुवार को अचानक से फिर वृद्धि होने लगी है। दोपहर 12 बजे बराह क्षेत्र में 115850 तथा को सी बराज पर 190515 कूयूसेक जलश्राव रिकार्ड किया गया है।
पटना [वेब डेस्क]। अपनी मचलती चाल के लिए विख्यात बिहार की कोसी नदी की चाल इस बार भी प्रशासन के लिए चुनौती बन सकती है। कोसी के जलस्तर में गुरुवार को अचानक से फिर वृद्धि होने लगी है। दोपहर 12 बजे बराह क्षेत्र में 115850 तथा को सी बराज पर 190515 कूयूसेक जलश्राव रिकार्ड किया गया है।
नेपाल प्रभाग के 26-88 किमी तथा पूर्वी कोसी तटबंध के 10 वे किमी स्पर पर नदी का दवाब है। वहीं कोसी तटबंध के अंदर के गांव में पानी का स्तर कम हो रहा है, लेकिन कटाव तेज हो गया है।
नेपाल और भारतीय क्षेत्र में पिछले एक हफ्ते से हो रही बारिश से कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। अररिया जिले की परमान, बकरा, रतवा, नूना, फरियानी, कारी कोसी, सुरसर नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि से सिकटी, पलासी, जोकीहाट, रानीगंज और नरपतगंज प्रखंड के लगभग 40 गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है। कई गांवों पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है।
बाढ़ प्रभावित गांव
-बकरा नदी से प्रभावित पीरगंज ,डैनिया ,खुटहरा तीरा खारदह, पडरिया, सतवेर, नेमुआ पिपरा, ढंगरी, कबैंया ,
-नूना नदी से प्रभावित गांव बेलगुड़ी ,सैदाबाद ,गदहकाट ,रानीकट्टा ,सोनापुर ,खान टोला पडरिया, सिघिया ,औलाबाड़ी ,बगुलाडागी आदि गांवों में घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है।
-किसानों की फसलों की भारी तबाही हुई है।
-इन गांवों के दर्जनों जगहों पर सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं।
सुपौल में कोसी का जलस्तर बुधवार शाम चार बजे एक लाख 93 हजार 955 घनमीटर प्रति सेकंड पहुंच गया। इसके चलते वीरपुर बराज की सुरक्षा को लेकर 26 फाटकों को खोल दिया गया है। किशनगंज के दिघलबैंक की करुवामनी पंचायत का महादलित टोला पूरी तरह बाढ़ की चपेट में है।
लोग घर छोड़ सुरक्षित स्थानों में पलायन कर गए हैं। कोचाधामन, दिघलबैंक और ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र में राष्ट्रीय उच्च पथ 327 के अलावा कई मुख्य पथों में कटाव होने से आवाजाही पूरी तरह ठप है।
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