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बिहार में बाढ़: तेज बारिश से कोसी नदी होती जा रही खतरनाक, त्राहिमाम कर रहे लोग

उत्तरी बिहार के कई इलाकों में हो रही तेज बारिश से कोसी का जलत्तर बढ़ रहा है जिससे लोगो में दहशत है। एहतियात के तौर पर बराज के 56 फाटकों में से 26 फाटकों को खोल दिया गया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 09:48 AM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 09:48 AM (IST)
बिहार में बाढ़: तेज बारिश से कोसी नदी होती जा रही खतरनाक, त्राहिमाम कर रहे लोग
बिहार में बाढ़: तेज बारिश से कोसी नदी होती जा रही खतरनाक, त्राहिमाम कर रहे लोग

पटना, जेएनएन। नेपाल में अगले 24 घंटे में तेज बारिश की संभावना को देख वहां की सरकार ने हाई अलर्ट जारी किया है। तो वहीं नेपाल के तराई क्षेत्र में मूसलाधार बारिश से कोसी के जलस्तर में लगातार वृद्धि से इंजीनियरों की भी बेचैनी बढ़ गई है। शुक्रवार शाम 4 बजे कोसी बराज पर 2 लाख 7 हजार 290 क्यूसेक पानी बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया। एहतियात के तौर पर बराज के 56 फाटकों में से 26 फाटकों को खोल दिया गया है। गुरुवार की शाम 6 बजे से ही जलस्तर का बढ़ना जारी रहा।

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 पटरियां धंसीं, ट्रेन सेवा ठप

54 साल बाद जुलाई में एक दिन में सर्वाधिक बारिश हाेने से उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों में स्थिति गंभीर हा़े गई है। पिछले 24 घंटे में पूर्वी चंपारण में सर्वाधिक 214.92 मिमी, सीतामढ़ी में 154.55 मिमी ताे मुजफ्फरपुर में 125.15 मिमी बारिश हुई है। इससे बागमती, गंडक व बूढ़ी गंडक ऊफान पर है। बागमती का जलस्तर लाल निशान को पार कर गया है।

रेल ट्रैक पर चढ़ा पानी

बारिश से समस्तीपुर रेलखंड में नारायणपुर अनंत, सीतामढ़ी रेलखंड में जुब्बा सहनी स्टेशन के पास ट्रैक धंसने से ट्रेनें ठप। नरकटियागंज जंक्शन पर ट्रैक पर चढ़ा पानी।

36 घंटे का अलर्ट जारी

मौैसम विभाग ने अगले 24 से 36 घंटे तक नेपाल व उत्तर बिहार में और बारिश की संभावना काे देखते हुए अलर्ट किया है। प्रशासन को चौकसी का निर्देश।

सुरक्षा बांध टूटा तो 60 से अधिक गांवों में मचेगी तबाही

कोसी महासेतु के बगल में गाइड बांध से सटाकर बना सुरक्षा बांध कभी भी तेज धारा में टूट सकता है। 600 मीटर लंबे बांध को बचाने के लिए ग्रामीण दिन रात एक किए हुए हैं। वहीं प्रशासन न तो बांध को बचाने का प्रयास कर रहा है और न ही इसे तोड़ने की दिशा में कोई पहल कर रहा है। लेकिन, ग्रामीण इसे किसी भी सूरत में टूटने नहीं देना चाह रहे हैं। बांध टूटने से पांच दर्जन से अधिक गांव में तबाही मच सकती है।

लंबा बनना था गाइड बांध, पर नहीं बन सका 

सड़क और रेल महासेतु के बगल में 12 किमी लंबा गाइड बांध बनना था। जिसके लिए डीपीआर भी तैयार कर लिया गया था। जगह-जगह लाल झंडा भी गाड़ दिया गया था पर इसे नहीं बनाया गया। लाचार होकर ग्रामीणों को 600 मीटर लंबा बांध श्रमदान से बनाना पड़ा। अनशनकारी सुशील यादव ने कहा कि गाइड बांध बनाने के लिए 87 करोड़ रेलवे व 87 करोड़ एनएचआई से आवंटित भी कर दिया गया था।


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