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बिहार में बाढ़ से बिगड़े हालात, कोसी, गंगा व महानंदा में उफान

बिहार में उफनाई कई नदियों का पानी नए क्षेत्रों में प्रवेश कर गया है। इससे हालात बिगड़ रहे हैं। जलप्लावन की वजह से कई गांवों का सड़क संपर्क प्रखंड व जिला मुख्यालय से टूट गया है। तटबंधों पर दबाव और कई बिंदुओं पर कटाव से भी लोग सहमे हुए हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2015 07:24 AM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2015 07:28 AM (IST)
बिहार में बाढ़ से बिगड़े हालात, कोसी, गंगा व महानंदा में उफान

जागरण टीम, पटना। राज्य की उफनाई कई नदियों का पानी नए क्षेत्रों में प्रवेश कर गया है। इससे हालात बिगड़ रहे हैं। जलप्लावन की वजह से कई गांवों का सड़क संपर्क प्रखंड व जिला मुख्यालय से टूट गया है। तटबंधों पर दबाव और कई बिंदुओं पर कटाव से भी लोग सहमे हुए हैं।

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गंगा, कोसी व महानंदा में उफान से कटिहार जिले के छह प्रखंडों के पांच दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। कई जगह सड़कों पर पानी बह रहा है। लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है।

सुपौल में कोसी का जलस्तर तो घट रहा है, लेकिन नेपाल प्रभाग के तीन तथा भारतीय प्रभाग के आधा दर्जन बिंदुओं पर अभी भी दबाव बरकरार है। बाढ़ पीडि़त अपने सामान व मवेशियों के साथ ऊंचे स्थान की ओर जा रहे हैं। चारा की किल्लत हो गई है। अब तक सरकारी सहायता या नाव की व्यवस्था नहीं की गई है।

सुपौल में कोसी का जलस्राव सोमवार को घटते क्रम में रिकार्ड किया गया। जलस्राव में हो रही लगातार गिरावट के कारण कोसी नेपाल प्रभाग के पूर्वी बाहोत्थान बांध के 26.40 किमी स्पर के अप स्ट्रीम सैंक एवं डीएप्रोन पर काफी दबाव बढ़ गया है।

खगडिय़ा प्रखंड के सोनमनकी स्थित बागमती नदी के मधुरा बांध के स्लूईस गेट का कुछ हिस्सा खुला रहने से कुछ गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। इससे धान, मक्का आदि की फसलें डूब गई हैं।

महानंदा के कनीय अभियंता चंद्रशेखर मंडल ने बताया कि रविवार को पानी की रफ्तार घटी है। कहीं से किसी प्रकार के खतरे की संभावना नहीं है। महानंदा तटबंध में प्रत्येक किमी पर एक-एक होमगार्ड जवान को तैनात किया गया है। वे स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

उत्तर बिहार में बारिश का सिलसिला थमने के बाद नदियों का जलस्तर सामान्य होने लगा है, लेकिन पूर्वी चंपारण और समस्तीपुर में स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। समस्तीपुर में गंगा का जलस्तर 45.68 सेमी है। मुजफ्फरपुर के औराई और कटरा में बागमती का जलस्तर एक फीट घटा है।

पूर्वी चंपारण में बूढ़ी गंडक व तिलावे नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। बंजरिया, सुगौली और चिरैया के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। बंजरिया प्रखंड की सभी पंचायतों का संपर्क जिला मुख्यालय से भंग हो गया है। सिकरहना नदी उफान पर है। सुगौली के कई गांवों के लोग अपना आशियाना छोडऩे को विवश हैं। समस्तीपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार गया है। यहां गंगा का जलस्तर 45.68 सेमी है, जबकि बूड़ी गंडक और वाया नदी की स्थिति सामान्य है। दरभंगा में बागमती का जलस्तर स्थिर है।

पश्चिमी चंपारण के बगहा के गंडक नदी में जलस्तर सामान्य है। पहाड़ी नदियों का पानी उतर चुका है। मधुबनी में कमला, भूतही बलान आदि नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। कोसी में जलस्तर स्थिर है।

सीतामढ़ी में लखनदेई और बागमती का जलस्तर सामान्य बना हुआ है।


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