Move to Jagran APP

बिहार के किसानों को बाढ़ और बारिश ने दिया झटका, पशुपालकों से लेकर कारोबारियों को नुकसान

बिहार के किसानों को बाढ़ और बारिश ने बड़ा झटका दिया है। प्रकृति की मार ने सूबे के करीब 60 प्रतिशत मक्का किसानों का मनोबल तोड़ दिया है। जानकारी के मुताबिक कोसी और सीमांचल में मक्का का सर्वाधिक उत्पादन होता है।

By Rahul KumarEdited By: Published: Wed, 03 Nov 2021 09:34 PM (IST)Updated: Wed, 03 Nov 2021 09:34 PM (IST)
बिहार के किसानों को बाढ़ और बारिश ने दिया झटका, पशुपालकों से लेकर कारोबारियों को नुकसान
बिहार के किसानों को बाढ़ और बारिश ने दिया झटका। सांकेतिक तस्वीर

पटना, राज्य ब्यूरो।  बिहार में प्रकृति की मार (बाढ़-बारिश) ने करीब 60 प्रतिशत से ज्यादा मक्का किसानों का मनोबल तोड़ दिया। मौसम की मार ने किसान ही नहीं, मक्का कारोबारी से लेकर पशु चारा व दाना (कैटल फीड), मुर्गी आहार (पोल्ट्री फीड), बिस्कुट और कार्नफ्लैक्स के अलावा नए नवेले एथनाल बनाने वाली उद्यमियों को भी झटका दिया है। अक्टूबर में तेज हवा के साथ हुई बारिश ने तो मक्का किसानों की कमर ही तोड़ दी है। उनका कहना है कि आसमान से आफत बरसी और अरमानों पर पानी फिर गया। हालांकि, मक्का किसानों को हकीकत में कितना नुकसान हुआ है इसका सरकार के स्तर पर आकलन हो रहा है। 

loksabha election banner

अक्टूबर में हुई 150 मिमी बारिश से खरीफ के साथ रबी फसल को नुकसान पहुंचाया था। इससे पहले यास तूफान के कारण किसानों को भारी क्षति उठानी पड़ी थी। फिर अचानक आए बाढ़ ने रही-सही कसर पूरी कर दी। खासकर उत्तर बिहार में गंगा और कोसी नदी में आई भयंकर बाढ़ ने मक्का किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार बिहार करीब 7.21 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 31 लाख टन मक्का पैदा करता है। इस बार प्रकृति की मार से उत्पादन गिरने की आशंका प्रबल है।

राष्ट्रीय स्तर पर है पहचान 

कोसी और सीमांचल में मक्का का सर्वाधिक उत्पादन होता है। स्पष्ट है कि वहां के किसानों को ही सर्वाधिक नुकसान हुआ है। राष्ट्रीय फलक पर मक्का उत्पादन में पहचान बनाने वाले पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया और समस्तीपुर जिले किसान मायूस हैं।

बिहार का मक्का सर्वोतम 

देश में बिहार का मक्का गुणवत्ता में श्रेष्ठ है, जबकि उत्पादन में तमिलनाडु के बाद बिहार दूसरे स्थान पर है। महत्वपूर्ण यह कि अमेरिका से उम्दा मक्का बिहार में पैदा हो रहा। पूर्णिया के मक्का किसान सुमन चौधरी बताते है कि रबी की बुआई प्रभावित हुई है। निचले क्षेत्र में जलजमाव की वजह से खेती के रकबा पर असर पड़ेगा। ऐसे में 25 से 30 प्रतिशत उत्पादन कम होने की आशंका है। खरीफ में भागलपुर जिला में मक्का की खेती प्रभावित हुई है। 

प्रभावित होगी उत्पादन क्षमता 

बिहार कृषि विवि सबौर, भागलपुर के प्रसार शिक्षा निदेशक डा. आर के सोहाने बताते है कि राज्य में मक्का के कुल उत्पादन में कोसी और सीमांचल की हिस्सेदारी 80 है। इस बार बाढ़ और बारिश से मक्का उत्पादक जिले प्रभावित हुए हैं। ऐसे में रबी की बुआई पर असर दिख रहा है। आने वाले दिनों में इससे उत्पादन क्षमता भी प्रभावित होगी।

राजस्व संग्रह पर भी पड़ेगा असर 

राज्य के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि बाढ़ व बारिश से बड़े पैमाने पर मक्का की खेती को नुकसान हुआ है। किसानों और पशुपालकों के साथ कारोबारियों को भी झटका लगा है। सरकार के राजस्व संग्रह पर भी दूरगामी असर पड़ेगा। बिहार के किसान प्रति वर्ष 60 से 65 लाख मीट्रिक टन मक्का पैदा करते हैं। इसमें 45 लाख मीट्रिक टन दूसरे राज्य खरीदते हैं। बिहार के मक्का से पंजाब में बड़े पैमाने पर पशु और मुर्गी आहार का उत्पादन होता है। प्राकृतिक आपदा से उद्योग के साथ रोजगार बढ़ाने की मुहिम को झटका लगा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.