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उत्सव हॉल में रात भर चीखती-चिल्लाती रही थी युवती, बंद था दरवाजा, खुला बड़ा राज

एक उत्सव हॉल में युवती को लोग जबरन लेकर आये और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया। युवती भागने लगी तो मालकिन ने हॉल का दरवाजा बंद कर दिया। हुआ ये बड़ा खुलासा...

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 01:14 PM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 09:19 AM (IST)
उत्सव हॉल में रात भर चीखती-चिल्लाती रही थी युवती, बंद था दरवाजा, खुला बड़ा राज
उत्सव हॉल में रात भर चीखती-चिल्लाती रही थी युवती, बंद था दरवाजा, खुला बड़ा राज

 पटना, जेएनएन। गया के मानपुर में विजय उत्सव हॉल में अय्याशी चलती थी और यहां शाम ढलते ही युवाओं की भीड़ लगी रहती थी। इसी उत्सव हॉल में गया रेलवे स्टेशन से जबर्दस्ती अपहरण कर नवादा की एक युवती को लाया गया था और रात भर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था। इस मामले के बाद उत्सव हॉल की सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आ रही है। हॉल के मालिक, उसकी बेटी और दामाद को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उनसे कड़ी पूछताछ की जा रही है।

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चीखती चिल्लाती भागी थी युवती, दरवाजे पर लगा दिया था ताला

थानाध्यक्ष रूपेश कुमार सिन्हा ने बताया कि आठ अगस्त की रात गया रेलवे स्टेशन से बलपूर्वक नवादा की एक युवती को विजय उत्सव में लाया गया। वहां उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। इस दौरान युवती ने दुष्कर्मियों के चंगुल से भागने का प्रयास किया लेकिन विजय उत्सव के मुख्य दरवाजे पर मालिक एवं मालकिन द्वारा ताला लगा दिया गया। मजबूरन युवती को पूरी रात वहीं रहना पड़ा।

बंद उत्सव हॉल में रात भर युवती को नोंचते रहे दरिंदे

रात भर युवती के साथ दरिंदों ने दरिंदगी की और जब वह खून से लथपथ दर्द से कराहने लगी तो दुष्कर्मियों ने उसे चार पहिया वाहन से नवादा की ओर जाने वाली सड़क पर छोड़ दिया। किसी तरह युवती अपने घर नवादा जिले के एक गांव में पहुंची। परिजनों को आपबीती सुनाते हुए युवती फफक-फफक कर रोने लगी।

उसके बाद नौ अगस्त को परिजनों के साथ युवती मुफस्सिल थाने पहुंची। वहां चार दुष्कर्मियों को नामजद बनाते हुए थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। सामूहिक दुष्कर्म की घटना को षडयंत्र रचने और साक्ष्य को मिटाने का आरोप लगाते हुए विजय उत्सव के मालिक, बेटी दामाद पर भी प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

ज्यादा पैसे कमाने की लालच में चलता था गंदा कारोबार

जानकारी के मुताबिक मायके में पति के संग रह रही आरोपित बेटी ने पिता से कहकर मानपुर में विजय उत्सव हॉल खुलवाया था। उसके बाद बेटी-दामाद दोनों एक ही बार में मोटी रकम कमाने की फिराक में जुट गए थे। यहां मालकिन द्वारा लड़कियों को बहला-फुसलाकर लाया जाने लगा। इससे उन्हें अच्छी आमदनी होने लगी।

विजय उत्सव में क्या-क्या होता था? यहां कौन-कौन लोग देर रात तक आते-जाते थे? इसका राज सामूहिक दुष्कर्म की घटना के षडयंत्र रचने वालों की गिरफ्तारी से अब खुल जाएगी। बताया जाता है कि विजय उत्सव में साम ढलते ही युवाओं की भीड़ लग जाती थी। 


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