ट्रकों से वसूली कर रहे थे पांच पुलिसकर्मी, सादे लिबास में सामने खड़े बिहार के डीजीपी पर नहीं पड़ी नजर
कोइलवर पुल पर पांच पुलिसकर्मियों को बालू लदे ट्रकों से अवैध वसूली करते हुए बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने देख लिया। उन्होंने तत्काल पांचों जवानों को निलंबित कर दिया। डीजीपी सादे लिबास में जांच करने पहुंचे थे।
राज्य ब्यूरो, पटना : डीजीपी एसके सिंघल ने शुक्रवार की देर रात कोइलवर पुल पर सादे लिबास में पांच पुलिसकर्मियों को बालू लदे ट्रकों से अवैध वसूली करते हुए पकड़ा और तत्काल निलंबित कर दिया। निलंबित पुलिसकर्मियों में सहायक अवर निरीक्षक मिथिलेश कुमार सुमन के साथ सिपाही नीरज कुमार मांझी, शांतनु कुमार, अमित कुमार एवं मुकेश कुमार शामिल हैं। मुकेश मुंगेर, जबकि अन्य चार पटना जिला बल में कार्यरत हैं। डीजीपी ने पटना के एसएसपी को तीन दिनों के अंदर पूरे मामले की जांच कर स्पष्ट रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
दरअसल, पटना एवं अन्य जिलों के भ्रमण के क्रम में डीजीपी के साथ वरीय अधिकारियों का काफिला कोइलवर पुल से गुजर रहा था। इस काफिले में गृह विभाग के प्रभारी अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ भी थे। इसी बीच बिहटा थाना अंतर्गत कोइलवर पुल के पूर्वी छोर पर कई ट्रकों को अवैध रूप से रोककर रखा गया था जिससे जाम की स्थिति बनी हुई थी। इसमें उत्तर प्रदेश और बिहार के ट्रक शामिल थे, जिन पर बालू लदा था। ट्रकों को रोककर रखने वाले पुलिसकर्मी सादे लिबास में थे। जब पुलिसकर्मियों से ट्रकों को रोकने का कारण पूछा गया तो किसी ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। पुलिस अफसरों को आते देख चालक भी ट्रक छोड़कर फरार हो गए। इससे स्पष्ट हो गया कि बालू लदे ट्रकों को अवैध वसूली के लिए रोका गया था। ऐसे में अवैध वसूली में शामिल पांचों पुलिसकर्मियों को अनुशासनहीनता, कर्तव्यहीनता, भ्रष्ट आचरण और अयोग्य होने के आरोप में निलंबित कर दिया गया। निलंबन अवधि में पटना जिला बल में कार्यरत पुलिसकर्मियों का मुख्यालय नवीन पुलिस केंद्र पटना, जबकि मुंगेर के सिपाही का मुख्यालय मुंगेर पुलिस केंद्र निर्धारित किया गया है।
बिहटा थानेदार से मांगा स्पष्टीकरण
कोइलवर पुल पर बालू लदे ट्रकों से अवैध वसूली के मामले में बिहटा थानेदार से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। पटना के एसएसपी को निर्देश दिया गया है कि वे घटनास्थल से बरामद ट्रकों का सत्यापन करें। इसके साथ ही थाना क्षेत्र में अनैतिक कार्य पर नियंत्रण न रखने, शिथिलता एवं लापरवाही बरतने को लेकर बिहटा थानाध्यक्ष से स्पष्टीकरण प्राप्त करें। तीन दिनों में इसकी रिपोर्ट भी मांगी गई है।