आरा बम कांड: गांगी नदी में निष्क्रिय किए गए पांचों केन बम
गुरुवार की सुबह अारा में हुए बम विस्फोट के बाद बरामद पांच केन बमों को शुक्रवार को तड़के गांगी नदी में निष्क्रिय किया गया।
आरा [जेएनएन]। बिहार के आरा के नगर के शीशमहल चौक स्थित हरखेन कुमार जैन धर्मशाला में गुरुवार को सुबह हुए बम विस्फोट के बाद बरामद पांच केन बमों को शुक्रवार को तड़के गांगी नदी में निष्क्रिय किया गया। बमों को धर्मशाला परिसर में रखा गया था।
बता दें कि इस विस्फोट के मामले में गुरूवार देर शाम पुलिस ने मामले की प्राथमिकी दर्ज कर ली थी। दोनों घायलों को नामजद करते हुए कुल पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई है। नामजदों में विक्की पासवान कोलकाता के तेली पाड़ा का निवासी है। वहीं गिरोह का सरगना जितेंद्र सिंह मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गंगहर गांव का निवासी है, जो पश्चिम बंगाल के नार्थ 24 परगना में रह रहा था। एसपी अवकाश कुमार ने बताया कि फरार तीन अज्ञात की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
विस्फोट के बाद सुर्खियों में आए मुख्य सरगना जितेंद्र सिंह की पहचान कोलकाता के एक छुटभैये अपराधी के रूप में हुई है। वह कोलकाता के बैरकपुर जिले में छोटे-मोटे अपराधों में कई बार जेल जा चुका है। इससे पूर्व धर्मशाला में मिले आधार कार्ड से जितेंद्र की पहचान हुई। जितेंद्र सिंह एक मई 2017 को जमीन विवाद में चचेरे भाई धर्मेंद्र सिंह को गोली मार भोजपुर से फरार हो गया था। इसके बाद से वह पश्चिम बंगाल के 24 परगना में रह रहा था। जगदलपुर थाने में उसके खिलाफ कई मामले दर्ज है।
आतंकी व नक्सली कनेक्शन की भी पड़ताल
भोजपुर एसपी ने बताया कि कोलकाता पुलिस ने बताया कि जितेंद्र के खिलाफ छोटे-मोटे अपराध के मामले दर्ज हैं। वह कई बार जेल जा चुका है। अभी तक जितेंद्र ङ्क्षसह के खिलाफ किसी आतंकी या नक्सली गतिविधि का मामला दर्ज नहीं है। फिर भी पुलिस इस बिंदु पर भी पड़ताल कर रही है।
रेलवे की सुरक्षा पर उठे सवाल
हरखेन कुमार जैन धर्मशाला में बमों को लेकर पहुंचे हमलावर रेल मार्ग से आरा पहुंचे थे। सुबह 5:56 बजे विभूति एक्सप्रेस से विस्फोटक लेकर आसानी से निकलना रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा करता है। आखिर भारी मात्रा में विस्फोटक लेकर अपराधी यात्रियों से भरे डिब्बे में कैसे पहुंचे? जबकि विभूति एक्सप्रेस में सुरक्षा बलों की ड्यूटी रहती है। कोलकाता से आरा आने में कई स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव होता है, जहां गहन पड़ताल की जाती है। घटना के बाद रेलवे ने सुरक्षा बढ़ा दी है। आरा से गुजरने वाली ट्रेनों की सघन जांच की जा रही है।