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बिहार: पहली बार शराब पीते पकड़े गए तो 50000 रुपये जुर्माना या तीन महीने की जेल

बिहार में शराबबंदी संशोधन विधेयक के हिसाब से पहली बार शराब पीते पकड़े जाने पर जमानत मिल जाएगी, बस आपको पचास हजार का जुर्माना या तीन महीने जेल की सजा हो सकती है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 09:23 AM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 07:03 PM (IST)
बिहार: पहली बार शराब पीते पकड़े गए तो 50000 रुपये जुर्माना या तीन महीने की जेल
बिहार: पहली बार शराब पीते पकड़े गए तो 50000 रुपये जुर्माना या तीन महीने की जेल

पटना [राज्य ब्यूरो]। शराबबंदी कानून में बदलाव तय हो गया है। शराब के क्रय-विक्रय, परिवहन या तैयार करने के आरोप में पहली बार पकड़े जाने पर पांच वर्ष से कम की कैद और एक लाख रुपये तक जुर्माना होगा। शराब पीते अगर पहली बार पकड़े गए तो 50 हजार रुपये का जुर्माना या तीन महीने की सजा होगी।

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दूसरी बार पकड़े गए तो पूर्व के अपराधों को भी देखा जाएगा। 10 वर्ष के कठोर कारावास से कम तथा पांच लाख रुपये से कम जुर्माना नहीं होगा। अभी तक प्रावधान यह है कि शराब पीते पकड़े जाने पर 10 साल से कम की कैद नहीं होती। विधेयक के आरंभ में ही यह स्पष्ट कर दिया गया है कि संशोधन के प्रावधान सभी लंबित वादों पर भी लागू होंगे। 

प्रथम अपराध के लिए पांच वर्ष से कम की जेल 

बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 की धारा 30 में वैसी बातों का जिक्र है जो शराबबंदी कानून के तहत दंडनीय है। यह मादक द्रव्य या शराब के अवैध निर्माण, आयात-निर्यात, परिवहन, विक्रय, क्रय व वितरण से संबंधित है। अभी इसमें आजीवन कारावास और दस लाख तक जुर्माने का प्रावधान है।

इसे संशोधित करते हुए अब प्रथम अपराध के लिए पांच वर्ष से कम की सजा और एक लाख रुपए से कम का जुर्माना होगा। वहीं अगर दूसरी बार पकड़े गए तो पूर्व के अपराधों को भी देखा जाएगा। दस वर्ष के कठोर कारावास से कम तथा पांच लाख रुपए से कम का जुर्माना नहीं होगा।

शराब पीते अगर पहली बार पकड़े गए तो पचास हजार रुपए का जुर्माना देना होगा। जुर्माना नहीं देने की स्थिति में तीन माह की जेल होगी। इसके बाद पकड़ाने पर एक साल से कम की जेल नहीं होगी।

परिसर का मतलब चल संरचना और वाहन भी 

बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 की धारा-2 में संशोधन किया गया है। इस धारा के तहत वैसे परिसरों को जब्त किया जाना है जहां से शराब बरामद हुई। परिसर से पूर्व में आशय यह था कि भूमि तथा भवन, भंडारगार, दुकान, होटल, रेस्तरां, बार व बूथ आदि। इसमें अब चल संरचना जिसमें जलयान, बेड़ा, वाहन तथा किसी भी तरह की अन्य चल संरचना को भी शामिल कर लिया गया है।

स्पष्टीकरण संतोषप्रद नहीं होने पर माना जाएगा अपराध  

बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 की धारा 32 को भी संशोधित किया जा रहा है। इसके तहत स्पष्टीकरण दिए जाने का प्रावधान किया जाएगा। इसके तहत किसी उपकरण, मशीनरी, जानवर, गाड़ी , सवारी गाड़ी का उपयोग या फिर किसी परिसर का इस्तेमाल शराब के लिए किये जाने पर उसके मालिक या फिर उसके उपयोग करने वाले व्यक्ति को संतोषप्रद लेखा-जोखा देना होगा। संतोषप्रद स्पष्टीकरण के अभाव में यह माना जाएगा कि अभियुक्त ने अपराध किया है।

नकली शराब मामले में उम्रकैद और दस लाख जुर्माना 

नकली शराब के विनिर्माण, विक्रय, भंडारण, वितरण व आयात-निर्यात में पकड़े जाने पर दस वर्षों से कम की सजा नहीं होगी और इसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकेगा। जुर्माना एक लाख से कम नहीं होगा और उसे दस लाख रुपए तक बढ़ाया जा सकेगा।


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