लाशों की सीढ़ी चढ़ बनाई पहचान, अब वर्चस्व और गैंगवार में जा रही जान
पटना में लोगों को तो अपराधी शिकार बना ही रहे हैं आपस में भी भिड़ रहे हैं। कहीं वर्चस्व को लेकर साथी को ही गोलियों से छलनी कर दिया गया, तो कहीं गैंगवार और रकम बंटवारा जान का दुश्मन बन गया।
आशीष शुक्ल, पटना : जरायम की दुनिया में जिन्होंने लूटपाट और लाशों की सीढ़ी चढ़कर दबदबा बनाने की कोशिश की वे अपनों की ही गोलियों के शिकार हो गए। कहीं वर्चस्व को लेकर साथी को ही गोलियों से छलनी कर दिया गया, तो कहीं गैंगवार और रकम बंटवारा जान का दुश्मन बन गया। कई तो साक्ष्य के अभाव में खुलेआम घूमने में विरोधियों के शिकार हो गए। छह महीने में एक दो नहीं बल्कि 22 से अधिक बदमाशों का अंत ऐसे ही हुआ।
करोड़ों की प्रापर्टी ने अपनों को बना दिया दुश्मन
तबरेज आलम उर्फ तबरेज मिया पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का शूटर रह चुका है। एसएसपी मनु महाराज की मानें तो इसके खिलाफ बिहार से लेकर झारखंड के कई थानों में आपराधिक मामले दर्ज थे। रियल एस्टेट में हाथ आजमाया, लेकिन इसके गिरोह के अपने लोग ही इसके दुश्मन गए। इसी साल मुहर्रम के दिन तबरेज की कोतवाली के पास बाइक सवार दो बदमाशों ने गोलियों से भून डाला। मई माह में गर्दनीबाग में दीनानाथ उर्फ दीना गोप को गोलियों से भून डाला गया। हत्या प्रापर्टी विवाद में हुई थी। हत्या के लिए 50 लाख की सुपारी दी गई थी।
साक्ष्य के अभाव में नहीं हुई कार्रवाई
कई बदमाश जेल से बाहर आने के बाद भी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहे, लेकिन साक्ष्य और गवाह के अभाव में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर पाई। लिहाजा, उनका मनोबल बढ़ता चला गया। प्रतिद्वंद्वियों पर भी हावी हो गए। पुलिस और प्रतिद्वंद्वियों का खौफ समाप्त होने के कारण वे खुलेआम घूमने लगे और विरोधियों की गोली का शिकार बन गए। घटना के बाद पुलिस ने भी अनुसंधान में दिलचस्पी नहीं दिखाई, क्योंकि मरने वाला अपराधी था। शनिवार की रात कदमकुआं थाना क्षेत्र में दीपक की हत्या के पुलिस ने उसके अपाराधिक रिकॉर्ड गिनाया। एसएसपी की मानें तो दीपक भी कुछ माह पूर्व जेल से बाहर आया था।
रवि हत्याकांड का मुख्य आरोपी था तनवीर
खाजेकलां थाना क्षेत्र के नून का चौराहा स्थित शेखा का रोजा मोहल्ले में 13 अगस्त 2018 की दोपहर लाल मंदिर के समीप अपराधियों ने बुलेट से घर की ओर जा रहे तीस वर्षीय तनवीर आलम पर गोलियों की बौछार कर दी। एसएसपी ने बताया था कि मृतक तनवीर की पहचान राजधानी के टॉप टेन अपराधी के रूप में थी। वर्ष 2017 के 29 जून की दोपहर कुख्यात रवि मॉड को मौला शाह के बाग में लाल मंदिर के पास गोलियों से भूनने के बाद तनवीर ने नाला पर रखे स्लैब को उठाकर रवि का सिर कुचल दिया था। तनवीर हाल ही में जेल से छूटकर आया था।
ब्लैक डॉग पर दर्ज थे दो दर्जन मामले
खाजेकलां के जल्ला रोड स्थित उम्र दराज लेन में 13 अक्टूबर की शाम दीपू साव को गोलियों से भून दिया। उसके खिलाफ चार आपराधिक मामले हत्या, दुष्कर्म तथा आम्र्स एक्ट के दर्ज थे। आलमगंज के गायघाट खड़ाकुआं स्थित संतोषी मां की गली में 21 अक्टूबर की रात तीन अपराधियों ने कुख्यात चटू गुप्ता उर्फ ब्लैक डॉग को गोलियों से भून डाला। इसके खिलाफ दो दर्जन मामले दर्ज थे।
दो दर्जन हत्याएं केवल वंटवारे को लेकर
पटना के एसएसपी ने कहा कि अनुसंधान में करीब दो दर्जन हत्याएं गैंगवार, वर्चस्व और बंटवारे में हुई थी। अधिकांश के खिलाफ थानों में संगीन मामले दर्ज थे। थानेदारों को अपने अपने क्षेत्रों में गश्ती बढ़ाने के साथ ही जेल से बाहर आने वालों पर भी नजर रखी जा रही है।
पुलिसिया अनुसंधान में मिलते गए आपराधिक रिकॉर्ड
-गर्दनीबाग में दीना गोप की हत्या, कोतवाली थाना क्षेत्र में तबरेज की गोलियों से भूनकर हत्या।
-खांजेकला थाना क्षेत्र में मो. तनवीर, रिक्की, विक्की, रवि मौर्य की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
-आलमगंज थाना क्षेत्र में ब्लैक डॉग, मो. सुहैल उर्फ मुर्गिया, लुलवा, रवि उर्फ डैमेज की हत्या हुई।
-मालसलामी थाना क्षेत्र में कल्लू चौधरी, मुकेश यादव की भी गोली मारकर हत्या की जा चुकी है।
-मेंहदीगंज में मंगल डोम और बाईपास थाना क्षेत्र में उमेश मेहता की हत्या कर दी गई।
-बहादुरपुर में सूरज यादव उर्फ छोटन और बलमा मांझी की हत्या हो गई।
-दानापुर में मखना, खगौल में मनोज, और नौबतपुर में विपुल भी गोलियों का शिकार हुआ।