छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर शराब माफिया ने किया हमला, 15 गिरफ्तार
बिहार के नवादा जिले में छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर हमला कर दिया। दोनों ओर से करीब एक दर्जन राउंड गोलियां चली।
By Ravi RanjanEdited By: Published: Sat, 24 Feb 2018 06:34 PM (IST)Updated: Sat, 24 Feb 2018 11:04 PM (IST)
नवादा [जेएनएन]। अवैध शराब निर्माण का सेफ जोन बना बिहार के नवादा जिले का फुलवरिया डैम के टापू पर शनिवार को पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की। पांच दर्जन से अधिक शराब भट्ठियों को ध्वस्त करते हुए उसमें आग लगा दी। 50 हजार लीटर शराब जब्त कर 15 लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस के पहुंचने पर शराब धंधेबाजों के ओर से फायरिंग की गई। तब पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई में गोलियां चलाईं। दोनों ओर से करीब एक दर्जन चक्र गोलियां चलीं। हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ। एएसपी अभियान कुमार आलोक के नेतृत्व में हुई कार्रवाई में एसएसबी, एसटीएफ, स्वाट दल के साथ ही जिला बल के पुलिस जवान शामिल थे।
बताया जाता है कि फुलवरिया डैम के टापू पर अवैध शराब का निर्माण उद्योग के रूप में संचालित होने की सूचना पुलिस को लगातार मिल रही थी। पुख्ता सूचनओं के बाद कार्रवाई की रणनीति तैयार की गई। जलाशय के बीच टापू में कार्रवाई करना बड़ी चुनौती थी। इसलिए ठोस रणनीति तैयार कर ऑपरेशन शुरू किया गया।
इस कार्य में सक्षम बलों एसएसबी, एसटीएफ, स्वाट दल और जिला पुलिस को लगाया गया। नेतृत्व का जिम्मा स्वयं एएसपी अभियान कुमार आलोक ने संभाला। नाव के जरिए जैसे ही पुलिस टापू पर पहुंची और ऑपरेशन शुरू की, धंधेबाजों की ओर से गोलीबारी की जाने लगी। तब पुलिस ने भी मोर्चा संभालकर जवाबी कार्रवाई शुरू की।
एएसपी ने बताया कि पुलिस की ओर से माकूल जवाब मिलने के बाद धंधेबाज शांत पड़ गए। इसके बाद कार्रवाई आगे बढ़ाई गई। इस दौरान कुछ लोग तो भाग निकले लेकिन 15 लोगों को गिरफ्तार किया। पांच दर्जन से ज्यादा शराब भट्ठियों को ध्वस्त किया गया। निर्मित व अर्ध निर्मित करीब 50 हजार लीटर शराब जब्त किया गया। ऑपरेशन शाम ढलने के बाद भी जारी रखा गया।
अवैध शराब निर्माण का सबसे सुरक्षित इलाका था टापू
बताया जाता है कि शराब निर्माण का सबसे सुरक्षित जोन यह टापू बना हुआ था। यहां माफिया का साम्राज्य कायम था। शराब निर्माण के बाद उसे आसपास के कई थाना क्षेत्रों के गांवों व बाजारों में पहुंचाया जाता था। प्रतिदिन हजारों लीटर महुआ और अन्य केमिकलयुक्त शराब का निर्माण होता था।
बड़े हादसे की थी आशंका
-होली पर्व नजदीक है। ऐसे में शराब की मांग के अनुरूप निर्माण कार्य यहां जोरों पर था। यहां महुआ निर्मित शराब के साथ ही केमिकल व अन्य जहरीला पदार्थ मिलकार शराब निर्माण किया जाता था। इस प्रकार के इनपुट पुलिस को लगातार मिल रहे थे। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा होने की आशंका बनी हुई थी।
माफिया तत्वों में मचा हड़कंप
अतिसुरक्षित जोन में पुलिस की इस कार्रवाई से शराब निर्माण से जुड़े धंधेबाज व माफिया में हड़कंप मचा है। बता दें कि इस टापू तक पहुंचना दुरूह कार्य है। नाव से ही आसानी से पहुंचा जा सकता है। नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण पुलिस भी पहुंचने के पूर्व फूल प्रूफ व्यवस्था करती है। भौगोलिक परिस्थितयों का फायदा शराब माफिया उठा रहे थे।
बताया जाता है कि फुलवरिया डैम के टापू पर अवैध शराब का निर्माण उद्योग के रूप में संचालित होने की सूचना पुलिस को लगातार मिल रही थी। पुख्ता सूचनओं के बाद कार्रवाई की रणनीति तैयार की गई। जलाशय के बीच टापू में कार्रवाई करना बड़ी चुनौती थी। इसलिए ठोस रणनीति तैयार कर ऑपरेशन शुरू किया गया।
इस कार्य में सक्षम बलों एसएसबी, एसटीएफ, स्वाट दल और जिला पुलिस को लगाया गया। नेतृत्व का जिम्मा स्वयं एएसपी अभियान कुमार आलोक ने संभाला। नाव के जरिए जैसे ही पुलिस टापू पर पहुंची और ऑपरेशन शुरू की, धंधेबाजों की ओर से गोलीबारी की जाने लगी। तब पुलिस ने भी मोर्चा संभालकर जवाबी कार्रवाई शुरू की।
एएसपी ने बताया कि पुलिस की ओर से माकूल जवाब मिलने के बाद धंधेबाज शांत पड़ गए। इसके बाद कार्रवाई आगे बढ़ाई गई। इस दौरान कुछ लोग तो भाग निकले लेकिन 15 लोगों को गिरफ्तार किया। पांच दर्जन से ज्यादा शराब भट्ठियों को ध्वस्त किया गया। निर्मित व अर्ध निर्मित करीब 50 हजार लीटर शराब जब्त किया गया। ऑपरेशन शाम ढलने के बाद भी जारी रखा गया।
अवैध शराब निर्माण का सबसे सुरक्षित इलाका था टापू
बताया जाता है कि शराब निर्माण का सबसे सुरक्षित जोन यह टापू बना हुआ था। यहां माफिया का साम्राज्य कायम था। शराब निर्माण के बाद उसे आसपास के कई थाना क्षेत्रों के गांवों व बाजारों में पहुंचाया जाता था। प्रतिदिन हजारों लीटर महुआ और अन्य केमिकलयुक्त शराब का निर्माण होता था।
बड़े हादसे की थी आशंका
-होली पर्व नजदीक है। ऐसे में शराब की मांग के अनुरूप निर्माण कार्य यहां जोरों पर था। यहां महुआ निर्मित शराब के साथ ही केमिकल व अन्य जहरीला पदार्थ मिलकार शराब निर्माण किया जाता था। इस प्रकार के इनपुट पुलिस को लगातार मिल रहे थे। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा होने की आशंका बनी हुई थी।
माफिया तत्वों में मचा हड़कंप
अतिसुरक्षित जोन में पुलिस की इस कार्रवाई से शराब निर्माण से जुड़े धंधेबाज व माफिया में हड़कंप मचा है। बता दें कि इस टापू तक पहुंचना दुरूह कार्य है। नाव से ही आसानी से पहुंचा जा सकता है। नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण पुलिस भी पहुंचने के पूर्व फूल प्रूफ व्यवस्था करती है। भौगोलिक परिस्थितयों का फायदा शराब माफिया उठा रहे थे।
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