जंक्शन पर खड़ी कोटा एक्सप्रेस की एक बोगी में लगी आग
पटना। दानापुर मंडल के सबसे व्यस्त पटना जंक्शन पर सोमवार को प्लेटफार्म की स्टैब्लिंग लाइन पर खडी बोगी में आग लग गई।
पटना। दानापुर मंडल के सबसे व्यस्त पटना जंक्शन पर सोमवार को प्लेटफार्म की स्टैब्लिंग लाइन पर खड़ी कोटा-पटना एक्सप्रेस की रैक की एक बोगी में आग लग गई। बोगी से धुंआ निकलते ही स्टेशन निदेशक डॉ. नीलेश टीम के साथ आग बुझाने में जुट गए। तत्काल बोगी को रैक से अलग कर दिया गया। इसके साथ स्टेशन के अग्निशमन यंत्र व वाटर हाइड्रेंट से आग पर काबू पाया गया। संयोग था कि आग लगने के तत्काल बाद लोगों की नजर पड़ गई, अन्यथा बड़ी घटना हो सकती थी।
ट्रेन संख्या-13237 पटना-कोटा एक्सप्रेस की स्क्रॉच रैक जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या-एक व दो के बीच की स्टैब्लिंग लाइन पर खड़ी थी। इस कोच को रिजर्व में रखा जाता है। कोटा एक्सप्रेस के विलंब से आने पर इसे रवाना किया जाता है। इसी खाली रैक में बैठकर अक्सर शरारती तत्व नशे का सेवन करते हैं। इसी बीच इंजन से तीसरे दीनदयाल कोच संख्या 193220 में आग लग गई। पहले तो नशेड़ियों ने खुद आग बुझाने की कोशिश की, परंतु आग की लपटें बढ़ने पर वे भाग खड़े हुए। किसी ने स्टेशन निदेशक को आग लगने की सूचना दी। फिर तत्काल आरपीएफ व जीआरपी के साथ सीटीआइजी व पार्सल कर्मियों की टीम भी स्टेशन निदेशक के साथ आग बुझाने दौड़ी। ट्रेन में पानी भरने के लिए लगे वाटर हाइड्रेंट से आग बुझाने की कोशिश हुई। थोड़ी देर की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। बाद में घटना की जांच करने के लिए आरपीएफ टीम पहुंची। रेल अधिकारियों के साथ आरपीएफ की टीम ने भी जांच की। शुरुआती जांच में शरारती तत्वों की ही करतूत सामने आई है।
बताते चलें कि दो वर्ष पहले भी प्लेटफार्म संख्या-नौ पर खड़ी जनशताब्दी एक्सप्रेस की बोगियों में आग लग गई थी। दो बोगियां पूरी तरह जलकर खाक हो गई थीं। उस वक्त भी ट्रेन के कोच में नशेड़ियों के नशा करने की बात कही गई थी। जंक्शन पर फिर सोमवार को घटी घटना ने रेलवे की सुरक्षा-व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।