बिहार: गिरिराज सिंह की बढ़ीं मुश्किलें, विवादित बयान देने पर हुआ FIR दर्ज
केंद्रीय मंत्री व बेगूसराय के बीजेपी प्रत्याशी गिरिराज सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके खिलाफ बेगूसराय के जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने आचार संहिता उललंघन का मामला दर्ज कराया है।
बेगूसराय, जेएनएन। केंद्रीय मंत्री व बेगूसराय के बीजेपी प्रत्याशी गिरिराज सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। विवादित बयान देने के कारण चुनाव आयाेग ने गंभीरता से लिया। गुरुवार को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह बेगूसराय डीएम राहुल कुमार ने मामले पर संज्ञान लेते हुए गिरिराज सिंह के खिलाफ नगर थाने में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज कराया है। बता दें कि गिरिराज सिंह के इस विवादित बयान से लोजपा नेता चिराग पासवान ने पहले ही खुद को किनारा कर लिया है, जबकि जदयू के केसी त्यागी ने इस पर निर्वाचन आयोग से कार्रवाई करने की मांग की थी।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी राहुल कुमार ने कहा है कि 24 अप्रैल की दोपहर में बेगूसराय के जीडी कॉलेज में भाजपा उम्मीदवार गिरिराज सिंह ने अपने चुनावी सभा में संबोधन के क्रम में अल्पसंख्यकों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला भाषण दिया है। उनके बयान को कोट करते हुए कहा है कि गिरिराज सिंह ने कहा- 'जो वंदेमातरम नहीं कह सकता, जो भारत की मातृभूमि को नमन नहीं कर सकता, अरे गिरिराज के तो बाबा-दादा सिमरिया घाट में गंगा के किनारे मरे। उसी भूमि पर कब्र भी नहीं बनाया। तुम्हें तो तीन हाथ का जगह भी चाहिए। अगर तुम नहीं कर पाओगे, तो देश कभी माफ नहीं करेगा।'
जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा है कि बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार गिरिराज सिंह का उपरोक्त वक्तव्य अल्पसंख्यकों के धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाता है और यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। उन्होंने गिरिराज सिंह पर आरपी एक्ट 1951 की धारा- 125, 123, आइपीसी एक्ट, 153 ए, 153 बी, 295 ए, 171 सी, 188, 298 तथा 505 दो के तहत गुरुवार को नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसकी प्राथमिकी संख्या- 221/19 है।
बता दें कि गिरिराज सिंह के विवादित बयान पर एनडीए के घटक दल जदयू ने आपत्ति जतायी है। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने गिरिराज के बयान पर कहा है कि इस पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान देने वालों की उम्मीदवारी निरस्त कर दी जानी चाहिए, लेकिन चुनाव आयोग के दांत खाने के और हैं, दिखाने के कुछ और। एेसे बयान पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए। वहीं लोजपा नेता चिराग पासवान ने इससे खुद को किनारा कर लिया तथा बिना नाम लिये कहा कि हम ऐसी भाषा का समर्थन नहीं करते हैं।